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बिजनेस रिपोर्टर। ग्वालियर अंचल के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का वादा कर एमपीआईडीसी से बेशकीमती जमीन बड़ी संख्या में उद्योगपतियों ने ले रखी है। इनमें से कई ऐसे हैं जिन्होंने उस जमीन पर न फैक्ट्री लगाई है और न प्रोडक्शन शुरू किया है। कई ऐसी हैं जिन
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फिलहाल ऐसे करीब 50 उद्यमियों को एमपीआईडीसी (मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड) ने नोटिस जारी किया है। एमपीआईडीसी ग्वालियर के सह प्रबंधक अमन कुमार ने बताया कि फैक्ट्री का कंस्ट्रक्शन न करने, प्रोडक्शन शुरू न करने या जमीन लेने के उद्देश्य को पूरा न करने का जवाब नोटिस में मांगा गया है। जल्द फैक्ट्री शुरू न करने पर जमीन की लीज निरस्त करने की कार्रवाई की जानकारी भी नोटिस में दी गई है। अभी तक 50 उद्यमियों को नोटिस भेजे हैं, अन्य कुछ इकाइयों को भी भेजे जा रहे हैं। 2 महीने में जवाब मांगा गया है। अमन कुमार ने बताया कि इन उद्यमियों ने बानमोर, मालनपुर, रेडीमेड गारमेंट पार्क, स्टोन पार्क समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन आवंटित कराई थी। करीब 300 करोड़ का पूंजीगत निवेश एवं 3500 से अधिक लोगों को रोजगार देना प्रस्तावित किया था।
पारले को 2 साल की और मोहलत: 350 करोड़ का निवेश व 1500 रोजगार प्रस्तावित सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र में साल 2019 में पारले एग्रो कंपनी कंपनी शीतल पेय की फैक्ट्री कंपनी लगाने वाली थी, जिसका प्रोडक्शन मार्च 2020 से शुरू करने का दावा कंपनी ने किया था। पूर्व में कंपनी ने फैक्ट्री शुरू न करने के लिए एमपीआईडीसी अधिकारियों से कोरोना के कारण आर्थिक विसंगतियां होने का हवाला दिया था। क्योंकि कोरोना के कारण दो साल गर्मियों में लॉकडाउन लगा, और शीतलपेय की बिक्री अत्याधिक कम हो पाई। नोटिस मिलने के बाद कंपनी ने समयावधि बढ़ाने की मांग की थी। जिसे मंजूर करते हुए 2026 तक प्रोडक्शन शुरू करने की मोहलत कंपनी को दी गई है।
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