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टेंडर कमीशन मामले में गिरफ्तार मंत्री आलमगीर आलम के बाद अब IAS अधिकारी मनीष रंजन को ED ने समन भेजा है। ED ने 24 मई को उन्हें पूछताछ के लिए कार्यालय बुलाया है। मिली जानकारी के अनुसार ED को जो दस्तावेज मिले हैं, उसमें किसी मनीष का जिक्र था। इसके बाद ED
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ग्रामीण विकास विभाग में हुए टेंडर कमीशन घोटाले में चीफ इंजीनियर से लेकर मंत्री आलमगीर आलम तक कमीशन फिक्स था। टेंडर से मिले कमीशन के रुपए बांटने के लिए सिंडिकेट के लोग कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे। इस मामले में गिरफ्तार संजीव लाल और उसके सहायक जहांगीर की 14 दिनों की रिमांड पूरी होने के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। इसी दौरान कोर्ट में ED ने एक्सेल शीट में कमीशन का पूरा ब्योरा पेश किया है।
कमीशन के खेल में कोडवर्ड
ग्रामीण विकास विभाग में कमीशन के खेल में कोडवर्ड की मदद से रुपए बंटते थे। मंत्री के लिए ‘एच’ कोड वर्ड उपयोग किया गया था। इसका अर्थ है ऑनरेबल मंत्री यानी माननीय मंत्री, ‘एम’ का मतलब मनीष, ‘एस’ का मतलब संजीव लाल, ‘टीसी’ का अर्थ टेंडर कमेटी और ‘सीई’ का मतलब है चीफ इंजीनियर। ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि उसके हाथ एक एक्सेल शीट लगी है। इसके तीसरे पन्ने में विभागवार कमीशन का हिसाब लिखा है। इस शीट में टेंडर की कुल राशि, कमीशन की राशि और मंत्री की हिस्सेदारी का ब्योरा है।
कौन है मनीष रंजन
डॉ मनीष रंजन 2002 बैच के टॉपर और डायरेक्टर गोल्ड मेडल प्राप्त अधिकारी हैं। झारखंड राज्य के छह जिलों में उपायुक्त रहे मनीष रंजन को अपने उत्कृष्ट कार्य और नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री की ओर से लगातार दो वर्षों तक मनरेगा उत्कृष्टता पुरस्कार और राष्ट्रपति की ओर से निर्मल ग्राम पुरस्कार मिल चुका है।
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झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम गिरफ्तार:ED ने 7 घंटे पूछताछ के बाद अरेस्ट किया; PS के नौकर के पास 30 करोड़ कैश मिले थे
झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ED ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी से पहले ED ने बुधवार को उनसे 7 घंटे पूछताछ की। उनके पीएस के नौकर के घर पिछले दिनों 35 करोड़ रुपए कैश मिले थे। मामला टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का है। आलमगीर आलम को आज ED ऑफिस में बने हाजत में रखा जाएगा। मेडिकल जांच की जाएगी। इसके बाद उन्हें गुरुवार को 10 बजे पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस दौरान ईडी कोर्ट से रिमांड की मांग करेगी।
इससे पहले ED के अधिकारियों ने मंगलवार को भी उनसे 9 घंटे पूछताछ की थी। ED ने आलम को आज फिर पूछताछ के लिए बुलाया था। जांच एजेंसी की ओर से उन्हें पूछताछ के लिए 12 मई को नोटिस भेजा गया था। आलमगीर आलम झारखंड की महागठबंधन सरकार में कांग्रेस के कोटे से मंत्री हैं। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मनी लॉन्ड्रिंग के एक अन्य मामले में ED की गिरफ्त में हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
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