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योजना भवन में 2 करोड़ 31 लाख और 1 किलो गोल्ड मिला था।
कांग्रेस राज के दौरान योजना भवन की अलमारी में मिले एक किलो सोने और 2 करोड़ 31 लाख कैश के मामले में अब जांच तेज होने वाली है। इस केस में अफसरों के खिलाफ जल्द सरकार जांच आगे बढ़ाने के लिए एसीबी को मंजूरी देगी। वहीं दूसरे भ्रष्टाचार के मामलों में आईएएस औ
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मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कार्मिक विभाग को 31 मई तक भ्रष्टाचार के मामलों में अफसरों के खिलाफ लंबित जांच पर फैसला करने के आदेश दिए हैं। एसीबी की 17 ए के जांच के सभी मामलों पर 31 मई तक जांच की मंजूरी देने या रिजेक्ट करने के निर्देश दिए हैं। एसीबी ने जिन अफसरों के खिलाफ जांच आगे बढ़ाने की मंजूरी मांग रखी है, उस पर अब 31 मई तक फैसला हो जाएगा। कार्मिक विभाग ने इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। योजना भवन में सोना और कैश मिलने के मामले में भी आईटी विभाग के तत्कालीन एसीएस अखिल अरोड़ा सहित दूसरे अफसरों के खिलाफ जांच आगे बढ़ाने पर फैसला होना है।
योजना भवन में करीब 2 करोड़ 31 लाख का कैश मिला था। इस मामले में ईडी की रडार पर 35 अधिकारी भी आए थे।
एसीबी की जांच आगे नहीं बढ़ी
योजना भवन में मिले गोल्ड और केश के मामले में एसीबी ने मामला दर्ज कर आईटी विभाग के तत्कालीन एसीएस अखिल अरोड़ा की भूमिका की जांच करने की मंजूरी देने के लिए सरकार के लिखा था। आईटी विभाग के लॉकर में मिले गोल्ड और कैश को लेकर एसीबी ने अक्टूबर 2023 में एफआईआर दर्ज की थी।
एसीबी के तत्कालीन डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने 6 अक्टूबर कार्मिक विभाग को लेटर लिखकर अरोड़ा की भूमिका की जांच के लिए मंजूरी देने का लेटर लिखा था। अरोड़ा के खिलाफ जांच पर मंजूरी देने या नहीं देने पर कोई फैसला नहीं हुआ था। अब इस पर जल्द फैसला होना तय है। सप्ताह भर में इस मुद्दे पर फैसला हो जाएगा। इसके बाद एसीबी इस मामले में जांच आगे बढ़ाएगी।
विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने बनाया था मुद्दा, डॉ किरोड़ी ने की थी शिकायत
कांग्रेस राज के दौरान योजना भवन में मिले गोल्ड और कैश के मामले को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बनाया था। विधानसभा चुनावों के दौरान भी यह कांग्रेस सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा था। मौजूदा कृषि मंत्री डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने इसकी जांच के लिए केंद्र औ राज्य सरकार के चिट्ठी लिखी थी।
योजना भवन की अलमारी में 1 किलो गोल्ड भी था। अब इस पूरे मामले की तेज कर दी है।
गोल्ड-कैश मामले की ईडी में भी जांच जारी
योजना भवन में गोल्ड और कैश मिलने के मामले में ईडी भी जांच कर रही है। ईडी ने एसीबी की एफआईआर को आधार बनाकर ही जांच शुरू की है। योजना भवन की अलमारियों से गोल्ड और कैश मिलने के बाद एसीबी ने आईटी विभाग के अफसर वेद प्रकाश यादव को अरेस्ट किया था। ईडी ने भी वेद प्रकाश के खिलाफ केस दर्ज किया। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से इसकी जांच कर रही है। जांच का मुख्य फोकस गोल्ड और कैश किसका था, इस पर रहेगी।
सरकारी अफसरों के खिलाफ जांच के 500 से ज्यादा मामले पेंडिंग, अब सब मामलों में जल्द फैसला
अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद एसीबी की तरफ से जांच की अनुमति के 500 से ज्यादा मामले पेंडिंग चल रहे हैं। बड़े अफसरों के खिलाफ सरकार की मंजूरी के बिना जांच आगे बढ़ाने का प्रावधान नहीं है। सरकारी विभागों में अनुमति लंबित रहने से जांच आगे नहीं बढ़ पाती। अब मुख्य सचिव ने ऐसे सभी मामलों में फैसला करने के लिए 31 मई तक का अल्टीमेटम दे दिया है।
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