[ad_1]
शिवपुरी जिले करैरा कस्बे में फिल्टर प्लांट से घरों तक दूषित पानी पहुंच रहा है। इससे नगर की जनता में रोष है। लोगों का कहना है कि नगरीय प्रशासन लोगों की स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने में लगा हुआ है। जनता की इसी शिकायत के चलते आज बुधवार को किसान कांग्रे
.
निरीक्षण के दौरान सही से देखरेख न होने के चलते फिल्टर प्लांट गंदगी से जकड़ा हुआ मिला। साथ ही फिल्टर प्लांट में संगृहीत पानी दूषित मिला। इसी पानी की सप्लाई करैरा कस्बे के घरों तक पहुंचाई जा रही थी। इस दौरान कांग्रेस नेता मानसिंह फौजी ने कहा कि नगरीय प्रशासन की बेरुखी के चलते लोगों को गंदा पानी पीने को मजबूर होना पढ़ रहा है। इसकी कई शिकायतें नगर परिषद करैरा में दर्ज कराई है लेकिन कोई समाधान नहीं किया है। ऐसे अगर नगरीय प्रशासन ने लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना बंद नहीं किया तो कांग्रेस को जनता के साथ मिलकर आंदोलन करने को विवश होना पड़ेगा।
करैरा नगर की करीब 50 हजार जनता के लिए इसी फिल्टर प्लांट से की जा रही सप्लाई का गंदा पानी पीने को मजबूर हो रही है। साथ ही पानी की सप्लाई हर रोज की जगह तीन दिन छोड़कर की जा रही है। ऐसे में करैरा की जनता का नगरीय प्रशासन की ओर आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।
बता दें कि इससे पहले भी करैरा में दूषित पानी की सप्लाई की जा चुकी है उस वक्त लोगों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए नगरीय प्रशासन ने इस खामी को दूर कर लिया था। लेकिन अब एक बार फिर करैरा की जनता को दूषित पानी की सप्लाई की जा रही है।
डेढ़ सैकड़ा से ज्यादा पहुंच रहे
दूषित पानी पीने के चलते करैरा के स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा। हर रोज लोग दूषित पानी पीने से बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। करैरा के स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर देवेंद्र खरे का कहना है कि अस्पताल में एकाएक लीवर में सूजन, पीलिया, उल्टी-दस्त और पेट दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ी है। स्वास्थ्य केंद्र पर हर रोज करीब डेढ़ सौ से लेकर 200 मरीज इन्हीं तकलीफों को लेकर अस्पताल में पहुंच रहे हैं। इस प्रकार की सभी बिमारी दूषित पानी पीने की वजह भी से होती हैं।
अधर में अटकी करोड़ों की जलावर्धन योजना
करैरा की जनता की प्यास और शुद्ध पानी की व्यवस्था के लिए करोड़ों खर्च कर 20 किलोमीटर दूर समोहा डेम से जलावधान योजना लाई गई थी। लेकिन 6 साल गुजरने के बाद भी इस योजना का लाभ नगर वासियों को अब नहीं मिल पाया है। जबकि कई साल पहले पानी की टंकियों को बनाकर घर-घर नालों के कनेक्शन दे दिए हैं। लेकिन अब तक करोड़ों खर्च होने के बावजूद लोगों के घरों तक इस योजना के तहत पानी की सप्लाई नहीं पहुंच सकी है।
[ad_2]
Source link