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पजांबी समाज को लेकर टिप्पणी करते करनाल NCP व इनेलो के लोकसभा प्रत्याशी मराठा वीरेंद्र वर्मा।
करनाल लोकसभा से NCP और इनेलो के सांझे उम्मीदवार मराठा वीरेंद्र वर्मा शब्दों की मर्यादा को ही लांघ गए है। उन्होंने करनाल की रोड धर्मशाला में कांग्रेस और BJP के दोनों उम्मीदवारों को पंजाबी समाज का कहने की अपेक्षा झांगी बता दिया। मराठा ने कहा कि हमारा म
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मराठा ने क्या क्या बोला है पहले वह देखिए
मराठा ने कहा कि मैं तो जो बात बोलूंगा खुलकर बोलूगा, इसमें किसी किस्म की कोई रिजर्वेशन नहीं है, आप लोगों की थोड़ी जुबान दबती है इस बात पे। एक जाट, जो भूपेंद्र हुड्डा का आदमी था और उसने पूरा मन बना लिया था, दूसरे जाट ने उसके कान में ये कह दिया, कि अरे, तू कांग्रेस को वोट देगा, तन्ने पता भी है उम्मीदवार कौन है? पहले जाट ने पूछा-कौन है? दूसरे जाट ने कहा कि झांगी है झांगी।
(मराठा कि इस बात पर रोड समाज के लोग हंसे भी और तालियां भी बजाई) पहला जाट उसी टेम ठिठक गया, कि भाई झांगी है तो मैं फेर तो वोट नी देता। समझ रहे हो, अब आप लोगों में से कोई तो पंजाबी शब्द का इस्तेमाल कर रहा है। कोई किसी शब्द का। सबकी जुबान दबती है। दो-चार गांवों में मेरे को भी सलाह दी गई थी कि आप यहां झांगी मत बोलो इनको।
जनसभा में मौजूद लोगों की भीड़।
मैने कहा-अगर झांगी को झांगी नहीं बोले तो क्या बोले? झांगी को तो झांगी ही बोला जाएगा। हमें तो अपना बचपन ध्यान है। ये लोग हमारे ही खेतों में से 20 पैसे के खरबूजे खरीदते थे और उसे गलियों में फेरी लगाकर गेहूं के दानों के बदले बेचा करते थे और हमारी माताएं-बहने बड़ी भोली होती थी, जो दानों के बदले खरबूजे ले लेती थी। खरबूजा 20 पैसे का और दाने एक रुपए के होते थे। सीधा 80 पैसे का फायदा करते थे।
इन्होंने आज तक किसी का फायदा नहीं किया, मनोहर लाल साढ़े साल तक मुख्यमंत्री रहे लेकिन इन्होंने किसी का फायदा नहीं किया। इनकी फितरत में ही नहीं है किसी का फायदा करना। इन लोगों को बातों में ही उलझाना आता है, इन्होंने बातों में भी उलझाया और कागजों में भी उलझाया है। ऐसे कोई भी नहीं होगा, जिसने 10 हजार रुपए कागजों में न खर्च किए हो। इन्होंने हमारे खूब मजे लिए है।
हुड्डा को दिखाया ED और CBI का डर
आगे बोलते हुए मराठा ने कहा कि इन लोगों ने भूपेंद्र हुड्डा को ED और CBI का डर दिखाकर, कांग्रेस का एक ऐसा उम्मीदवार उतार दिया, जो कमजोर है और मनोहर लाल खट्टर चुनाव जीत जाए और दूसरा उम्मीदवार भी किन में से तैयार किया। दोनों के दोनों ही झांगी है। अब चाहे कांग्रेस वाले को छांट लो या बीजेपी वाले को छांट लो। बात एक ही है। हुड्डा ने दिव्यांशु को करनाल में उतरवा दिया। अब रोहतक में भी झांगी बहुत है। उसको रोहतक में झांगियों की वोट भी लेनी हो शायद।
पंजाबी समाज में रोष
व्यापार मंडल के प्रधान कृष्ण लाल तनेजा ने कहा कि जिस तरह की बातें मराठा वीरेंद्र वर्मा ने मंच से की है, उससे पंजाबी समाज में भी रोष बढ़ गया है। इस तरह के शब्दों और भाषा का इस्तेमाल कर समाज के लोगों को आहत किया है। ऐसे में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर किसी समाज को आहत और अपमानित करके क्या मराठा अपना वोट बैंक मजबूत कर रहे है या फिर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते है। उनके इस बयान की हम कड़े शब्दो में निंदा करते है।
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