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Icc Arrest Warrent : अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) में इस समय इजरायल हमास मामले की सुनवाई चर्चाओं में है. दक्षिण अफ्रीका ने इजरायल के खिलाफ पीटिशन दाखिल की थी. कोर्ट ने दक्षिण अफ्रीका की पीटिशन पर गुरुवार को सुनवाई शुरू की. अभियोजन पक्ष ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और हमास के टॉप 3 लीडर को आरोपी बनाया है, इनके खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किए जाने की तैयारी है. इसको लेकर अब बेंजामिन नेतन्याहू का बयान आया है. उन्होंने गिरफ्तारी वॉरंट की मांग की निंदा की.
नेतन्याहू ने कहा कि लोकतांत्रिक इजरायल की तुलना सामूहिक हत्यारों से करने को वह खारिज करते हैं. नेतन्याहू के बयान को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी दोहराया. बाइडन ने कहा कि इजरायल और हमास के बीच कोई तुलना नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गिरफ्तारी वॉरंट के लिए आवेदन करना अपमानजनक है.इज़राइल और हमास के बीच कोई समानता नहीं है.
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के मुख्य अभियोजक करीम खान ने कहा कि ऐसे कई कारण हैं, जिससे ये माना जाए कि नेतन्याहू और इजरायल के रक्षा मंत्री याओव गैलेंट को गाज़ा में युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. ICC ने गाजा में हमास के नेता याह्या सिनवार के खिलाफ भी युद्ध अपराधों के लिए वॉरंट की मांग की है. मुख्य अभियोजक करीम खान ने कहा कि उनका मानना है कि नेतन्याहू, रक्षा मंत्री योव गैलेंट और तीन हमास नेता (याह्या सिनवार, मोहम्मद दीफ और इस्माइल हनियेह) गाजा पट्टी और इजरायल में युद्ध और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं.
ICC का सदस्य नहीं हैं इजराइल
IIC भले ही इजराइल के पीएम के खिलाफ वॉरंट की तैयारी कर रहा हो, लेकिन इजराइल इसे मान्यता नहीं देता, क्योंकि इजराइल इस अदालत का सदस्य नहीं है. हालांकि, फिलिस्तीनी क्षेत्र को 2015 में इस कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में शामिल किया गया था. वहीं, नेतन्याहू ने घोषणा की है कि उनके रहते फिलिस्तीनियों को कभी आजादी नहीं मिलेगी. आईसीसी के मुख्य अभियोजक ने इजराइल हमास युद्ध की शुरुआत के समय ही कहा था कि अदालत के पास इजराइल में हमास और गाजा में हमलों पर कार्रवाई का अधिकार है.आईसीसी के अभियोजक का आरोप है कि गाजा युद्ध में इजरायल ने भूख को नागरिकों के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया है और उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं. अभियोजक ने हमास के तीन नेताओं के खिलाफ भी 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले के संबंध में गिरफ्तारी वॉरंट मांगा है.
अब क्या होगा?
अभियोजक का कहना है कि ये निर्णय स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का नतीजा है. अब अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के जज ये तय करेंगे कि गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया जाए या नहीं. इजरायल के राष्ट्रपति नेतन्याहू ने उनकी गिरफ्तारी की मांग को बेतुका और झूठा आदेश बताया है.
वॉरंट जारी करने के ये हैं मायने
3 न्यायाधीशों का एक पैनल साक्ष्य पर विचार करेगा और यह निर्धारित करेगा कि गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया जाए या नहीं. यह भी देखा जाएगा कि मामले को आगे बढ़ने की अनुमति दी जाए या नहीं. इजरायल अंतरराष्ट्रीय अदालत का सदस्य नहीं है, इसलिए अगर गिरफ्तारी वॉरंट जारी भी किया जाता है तो नेतन्याहू और गैलेंट को अभियोजन के किसी भी तत्काल जोखिम का सामना नहीं करना पड़ेगा. लेकिन करीम खान की इस मांग से इजरायली नेताओं के लिए विदेश यात्रा करना मुश्किल हो सकता है. यदि ICC को पर्याप्त सबूत मिलते हैं तो वह आरोपी को उपस्थित होने के लिए बुला सकते हैं. कोर्ट अरेस्ट वॉरंट भी जारी कर सकती है. हालांकि आरोपी को कोर्ट में पेश करने के लिए आईसीसी को सदस्य देशों पर भरोसा करना होगा. वहीं, इजरायली विदेश मंत्री ने कहा कि उनके नेताओं के खिलाफ वॉरंट की मांग करने का मुख्य अभियोजक का निर्णय एक ऐतिहासिक अपमान है, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा.
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