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पेरिस. भारत की जनता अपना अगला प्रधानमंत्री चुनने के लिए देश सबसे बड़े चुनाव में व्यस्त है. विपक्षी दलों ने चुनाव से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट जैसे मसलों पर सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. इस बीच, फ्रांसीसी प्रशांत क्षेत्र न्यू कैलेडोनिया में एक नए चुनावी सुधार को लेकर बवाल मचा हुआ है. हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. दरअसल, न्यू कैलेडोनिया में लंबे समय से स्वतंत्रता की मांग उठ रही है.
अधिकारियों ने कहा कि हिंसा के दौरान कारों को आग लगा दी गई, दुकानें लूट ली गईं और पुलिस पर गोलियां चलाई गईं. राजधानी नौमिया में कर्फ्यू लगा दिया गया है और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है, जबकि पुलिस बल की तैनाती की गई है. फ्रांस के प्रधानमंत्री गेब्रियल अटाल ने “शांति” का आह्वान करते हुए कहा है, “हिंसा को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है”.
मंगलवार को फ़्रेंच नेशनल असेंबली में मतदान से पहले, मतदान सुधारों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन सोमवार रात को हिंसक हो गया. मसौदा कानून न्यू कैलेडोनिया के मतदान नियमों को बदल देगा ताकि 10 वर्षों से क्षेत्र में रहने वाले फ्रांसीसी निवासियों को प्रांतीय चुनावों में मतदान करने की अनुमति मिल सके – स्थानीय नेताओं को डर है कि इससे स्वदेशी कनक आबादी का वोट कमजोर हो जाएगा.
कहा जाता है कि दंगाइयों ने कई चौराहों पर कब्ज़ा कर लिया, पुलिस स्टेशनों पर हमला किया और पुलिस से भिड़ गए, जिन्होंने गोलियों से उन्हें जवाब दिया. एएफपी के अनुसार, उच्च क्षमता वाले हथियारों और शिकार राइफलों का इस्तेमाल कर पुलिस पर गोलियां चलाई गईं, लेकिन कोई भी मारा नहीं गया है. फ्रांस के आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने कहा कि पिछले दो दिनों में 82 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 54 पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं.
पुलिस प्रमुख निकोलस मैथियोस ने कहा कि “नफरत फैलाई जा रही है, अक्सर नशे में धुत युवा लोगों को हिंसा के लिए बरगलाया गया है”. एएफपी समाचार एजेंसी ने एक व्यापारिक समूह के हवाले से बताया कि लगभग 30 दुकानों, कारखानों और अन्य साइटों को आग लगा दी गई है. न्यू कैलेडोनिया, इंडो-पैसिफिक में पांच फ्रांसीसी द्वीप क्षेत्रों में से एक है, जो निकल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. यह क्षेत्र राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की योजनाओं के केंद्र में है क्योंकि वे यहां फ्रांस के प्रभाव को बढ़ाना चाहते हैं.
Tags: Emmanuel Macron, France
FIRST PUBLISHED : May 15, 2024, 17:04 IST
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