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नई दिल्ली3 मिनट पहले
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चुनाव आयोग ने 16 मार्च को इलेक्शन 2024 की घोषणा की थी। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को हो चुकी है। आखिरी फेज की वोटिंग 1 जून को होगी। 4 जून को नतीजे आएंगे। आचार संहिता से लेकर नतीजे तक इसमें 80 दिन लगेंगे।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान बड़े नेताओं को अच्छे उदाहरण सेट करना चाहिए। आयोग ने कहा कि इलेक्शन के बाकी चरणों में नेताओं को अपनी स्पीच सही करना चाहिए, ताकि सामाजिक ताने-बाने को नुकसान न पहुंचे।
आयोग ने आदर्श आचार संहिता लागू होने पर अपनी दूसरी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि 90 फीसदी शिकायतों का निपटारा कर दिया है। हालांकि, कांग्रेस और भाजपा की कुछ शिकायतें अभी पेंडिंग हैं।
आयोग का कहना है कि उन्हें लगभग 425 शिकायतें मिली थीं। इनमें से 400 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है। कांग्रेस की 170, भाजपा की 95 और अन्य पार्टियों की तरफ से 160 शिकायतें मिली थीं।
EC ने हेट स्पीच मामले में भाजपा-कांग्रेस को नोटिस जारी किया था
25 अप्रैल को चुनाव आयोग के पोल पैनल ने कांग्रेस और भाजपा की एक-दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों के आधार पर दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस जारी किया था। यह नोटिस आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 के सेक्शन 77 के तहत इश्यू किया गया। यह पहली बार है जब आयोग ने स्टार प्रचारक की जगह पार्टी अध्यक्षों को नोटिस जारी किया। PM मोदी भाजपा और राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। इस लिहाज से इनके भाषणों के लिए EC ने पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना है।
चुनाव आयोग से PM मोदी और राहुल गांधी के भाषण में आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की गई थी। शिकायत में कहा गया कि ये लीडर्स धर्म, जाति, समुदाय और भाषा के आधार पर लोगों को बांटने और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।
चुनाव रैलियों में नफरती भाषण मामले में जबाव देने के लिए भाजपा ने चुनाव आयोग (EC) से एक हफ्ते और कांग्रेस ने दो हफ्ते का वक्त मांगा। चुनावी रैलियों में पीएम मोदी और राहुल गांधी की तरफ से नफरती भाषण देने के मामले में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चुनाव आयोग को 29 अप्रैल को जवाब देना था। हालांकि, अभी तक जवाब नहीं दिया गया है।
चुनाव आयोग ने PM मोदी के राजस्थान और राहुल गांधी के केरल में दिए भाषण पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
राजस्थान में मोदी बोले थे – कांग्रेस आपकी संपत्ति ज्यादा बच्चे वालों में बांट देगी
- नेता: नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
- जगह: बांसवाड़ा, राजस्थान
- तारीख: 21 अप्रैल, 2024
- बयान: PM मोदी ने को राजस्थान के बांसवाड़ा में कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो लोगों की संपत्ति को ज्यादा बच्चे वालों में बांट देगी। साथ ही PM ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उस टिप्पणी का भी जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है।
- शिकायत: कांग्रेस ने इस बयान को विभाजनकारी, दुर्भावना से भरा और समुदाय विशेष को टारगेट करने वाला बताया। पार्टी ने कहा- चुनाव आयोग ‘संपत्ति का बंटवारा’ वाले बयान पर एक्शन ले। PM के संपत्ति जब्त करने वाले बयान के खिलाफ कांग्रेस और CPI-M ने अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई थी।
यह चुनाव आयोग के नोटिस का वो हिस्सा है जिसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से जवाब मांगा गया है।
केरल में राहुल बोले थे- कांग्रेस सत्ता में आई तो एक झटके में गरीबी दूर कर देंगे
- नेता: राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद
- जगह: केरल
- तारीख: 18 अप्रैल, 2024
- बयान: राहुल ने 12 अप्रैल को केरल की चुनावी सभा में गरीबी बढ़ने की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि 22 लोग भारत के 70 करोड़ लोगों से ज्यादा अमीर हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार आती है तो एक झटके में गरीबी खत्म हो जाएगी।
- शिकायत: भाजपा ने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं। राहुल गरीबी बढ़ने का झूठा दावा कर रहे हैं।
चुनाव आयोग के नोटिस में राहुल गांधी की स्पीच पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से जवाब मांगा है।
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को जिम्मेदार माना
ये शिकायतें मिलने के बाद इलेक्शन कमीशन ने स्टार प्रचारकों की फौज उतारने के लिए पहली नजर में पार्टी अध्यक्षों को ही जिम्मेदार ठहराया है। आयोग ने कहा, “अपने प्रत्याशियों के कामों के लिए राजनीतिक दलों को ही पहली जिम्मेदारी उठानी चाहिए, खास तौर पर स्टार कैंपेनर्स के मामले में। ऊंचे पद पर बैठे लोगों के चुनावी भाषणों का असर ज्यादा गंभीर होता है।”
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत जारी हुए नोटिस
भारत में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट्स के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं। इन्हें 1951 में बनाए गए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में डिफाइन किया गया है। इनमें एक हिस्सा चुनावी आचार संहिता का है। चुनाव के समय हर कैंडिडेट को इसका पालन करना होता है। किसी भी जगह आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत मिलने पर चुनाव आयोग एक्शन लेता है।
चुनाव आयोग AAP नेता आतिशी को भी नोटिस भेज चुका है
चुनाव आयोग ने 5 अप्रैल को आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी सिंह को भी नोटिस जारी किया था। आतिशी ने कहा था कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का ऑफर मिला था और ऐसा नहीं करने पर जेल भेजने की धमकी दी गई थी। चुनाव आयोग ने इसकी सच्चाई पर सवाल खड़े किए थे।
तेलंगाना के पूर्व CM के चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसे लेकर भी चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा था। कांग्रेस के गणेश गोदियाल और रघुबीर सिंह कदियान को भी चुनाव आयोग नोटिस भेज चुका है।
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EC का आदेश- AAP कैंपेन सॉन्ग बदले, इससे न्यायपालिका की छवि खराब हो रही; जेल में बंद केजरीवाल के साथ गुस्साई भीड़ दिखाई गई
इलेक्शन कमीशन ने आम आदमी पार्टी (AAP) को अपने इलेक्शन कैंपेन सॉन्ग में बदलाव करने को कहा है। EC ने केबल टेलीविजन नेटवर्क रूल्स, 1994 और ECI गाइडलाइन्स का हवाला देते हुए AAP को सॉन्ग में बदलाव करके उसे दोबारा सब्मिट करने को कहा है। सॉन्ग को चेक करने के बाद ही उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
ECI ने कहा कि सॉन्ग की लाइन ‘जेल के जवाब में हम वोट देंगे’ के साथ आक्रोशित भीड़ नजर आ रही है। इस भीड़ के हाथ में जेल की सलाखों के पीछे अरविंद केजरीवाल की तस्वीर है। इस तरह के पिक्चराइजेशन से न्यायपालिका की छवि खराब होती है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
चुनाव आयोग का शिवसेना उद्धव गुट को नोटिस, कैंपेन सॉन्ग से भवानी शब्द हटाने को कहा, उद्धव बोले- नहीं हटाऊंगा, जो करना है करें
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