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यमुना की तलहटी में लगी आग
– फोटो : अमर उजाला
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ताजमहल के पीछे यमुना में आग धधक रही है। कूड़ा, कचरा जलाया जा रहा है। झाड़ियां तक जल रही हैं। काला धुआं सफेद ताजमहल तक उड़ रहा है। विश्वदाय स्मारक काला पड़ सकता है लेकिन, जिम्मेदार विभाग आग लगने की घटनाओं पर रोक और कार्रवाई के बजाय एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ रहे हैं।
ताजमहल के 60 वर्ग किमी. में ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) है। मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी अध्यक्ष हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण व पर्यावरण की दृष्टि से क्षेत्र संवेदनशील घोषित किया है। लेकिन अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं। पिछले 15 दिनों में तीसरी बार यमुना में आग की लपटें उठीं। शनिवार को भी ताजमहल के पीछे यमुना आग से धधकती रही। वायु प्रदूषण मानकों की धज्जियां उड़ने पर भी जिम्मेदार मूक-बधिर बने हुए हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यमुना नदी सूख गई है। नदी में पानी नहीं बचा। ऐसे में दिनभर जुआरियों के फड़ लगे रहते हैं। रिवर पुलिस निगरानी नहीं करती। यमुना किनारा से गुजरने वाले पर्यटक ताजमहल की तरफ उड़ते काले धुएं के फोटो व वीडियो बनाते हैं।
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