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India Maldives Tension Row: भारत से तनातनी के बीच मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर नई दिल्ली आए थे. उन्होंने इस दौरान भारतीय समकक्ष डॉ एस जयशंकर से मुलाकात की. गुरुवार (नौ मई, 2024) को दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक से जुड़े कुछ फोटो और वीडियो भी सामने आए. पाकिस्तान के पॉलिटिकल एनालिस्ट डॉ कमर चीमा ने दावा किया कि इस बैठक के दौरान न सिर्फ एस जयशंकर ने मूसा जमीर को आईना दिखाया बल्कि वीडियो और तस्वीरों (मीटिंग से जुड़े) के जरिए पूरे मालदीव को यह पैगाम देने की कोशिश कि वह (द्वीप देश) जिस तरह से बात-बात पर बड़ी बातें करने लगता है, उसे यह याद रखना चाहिए कि वहां के लोगों की जिंदगी में बेहतरी भारत के निवेश और मदद की वजह से है.
यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए ताजा वीडियो में पाकिस्तानी एकैडमीशियन ने दावा किया- इंडिया की मालदीव में निजी हितों की वजह से दिलचस्पी है. अगर मालदीव में चीन के मिलिट्री बेस बन गए तब इंडिया के लिए खतरनाक नतीजे हो सकते हैं. चीन के लोग तो आप जानते ही हैं कि वे किसी के सगे नहीं हैं. मैं उनके बारे में बड़ा ही खुलकर बात करता हूं कि वे किसी के नहीं हैं. वे लोग हमारी क्यों परवाह करेंगे, वे नहीं करेंगे. जैसे-जैसे चीन का असर मालदीव पर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे मालदीव में इंडिया ने निवेश बढ़ाया है. जो काम वहां पर अमेरिका या चीन को करना था, वह अब इंडिया वहां कर रहा है.
मालदीव जैसे ‘स्विंग स्टेट्स’ की है चांदी- कमर चीमा
डॉ.कमर चीमा के मुताबिक, छोटे मुल्कों की संप्रभुता के साथ तो पहले ही समझौता हो चुका है. हम पाकिस्तान गरीब मुल्क हैं. हमें तो जब जो कहता है, हम तैयार हो जाते हैं. पाकिस्तानी फौज की एक क्षमता है और हमारे आंतरिक मसले हैं. हम इंडिया से तो लड़ सकते हैं पर क्या अफगानिस्तान से लड़ सकते हैं, हम नहीं लड़ सकते हैं, जबकि स्विंग स्टेट (वे प्रभावशाली देश जो किसी बड़े ताकतवर मुल्क के सहयोही बनने का माद्दा रखते हों) की चांदी है. दुनिया के देश दूसरे राष्ट्रों को नहीं पसंद करते हैं बल्कि वे निजी हितों को पसंद करते हैं.
External Affairs Minister, @DrSJaishankar meets with his Maldivian counterpart Moosa Zameer in New Delhi.
During the meeting, Dr. S Jaishankar says that as close and proximate neighbours, the development of ties between the two nations is based on mutual interest and reciprocal… pic.twitter.com/luy7EhOTTL
— All India Radio News (@airnewsalerts) May 9, 2024
मालदीव के विदेश मंत्री से क्या बोले एस जयशंकर?
मूसा जमीर के साथ मीटिंग के दौरान डॉ एस जयशंकर ने मालदीव को याद दिलाया कि वह द्वीप देश को मदद मुहैया कराने वाला अहम देश है. इंडिया की तरफ से फाइनेंस कई प्रोजेक्ट्स से वहां के हजारों लोगों के जीवन को फायदा पहुंचा है. ये हमारे सामान्य हित में है कि हम इस बात पर एक समझ पर पहुंचें कि इस रिश्ते को कैसे आगे ले जाएं.
खटास के बाद भारत ने यूं दिया था सद्भावना संदेश
मालदीव में बीते साल राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (चीन समर्थक) के सत्ता में आने के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच खटास के बाद भी भारत ने हाल ही में सद्भावना संकेत के तौर पर चीनी, गेहूं, चावल, प्याज और अंडे के साथ और जरूरी चीजों के सीमित निर्यात का ऐलान किया था.
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