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Who is Iran Supreme Leader : ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खुमैनी की स्वास्थ्य चिंताओं की खबरों के बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इस पर काफी चर्चा हो रही है. ईरान में सुप्रीम लीडर का सबसे शक्तिशाली पद है. अली खुमैनी 85 साल के हो चुके हैं. इस साल 17 अप्रैल को उन्होंने 85वां जन्मदिन भी मनाया था. हालांकि, उस दिन इजरायल ने ईरान पर हमला भी किया था. खुमैनी की चिकित्सा टीम के प्रमुख ने कहा कि वह अपनी उम्र को मात देते हुए फिट हैं. अल्लाह उनका स्वास्थ्य ठीक रखे और वह ईरान और हम सबके लिए बने रहें.
दूसरे बेटे का आ रहा नाम
स्टिमसन की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वेक्षण में कहा गया कि इस बात पर भारी विश्वास है कि अली खुमैनी के दूसरे बेटे मोजतबा उनके उत्तराधिकारी होंगे. हालांकि, इस पर एकमत भी नहीं है. 1979 की क्रांति के नेता अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी ने बेटे को सत्ता सौंपने को नाजायज राजशाही कहा था. 1989 में सुप्रीम लीडर बने अली खुमैनी ने भी वंश के शासन को इस्लामी सिद्धांतों के विपरीत बताया था.
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी भी दौड़ में
विश्लेषकों का कहना है कि एक नाम राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का भी है, उन्होंने व्यवस्था के प्रति अपनी अटूट निष्ठा साबित की है. 1988 से 2019 तक खुमैनी ने उन्हें कई पदों के लिए चुना और वह राज्य के प्रति आज्ञाकारी रहे. कई टिप्पणीकारों ने कहा है कि उनके पास इस पद के लिए आवश्यक व्यक्तित्व नहीं है. रईसी के अलावा एक और मजबूत नाम 67 साल के अलीरेजा अराफी का है, जिनको खुमैनी का उत्तराधिकारी कहा जा रहा है. ईरान की सत्ता संरचना में अराफी का योगदान 2001 में शुरू हुआ, जब अली खुमैनी ने उनको वर्ल्ड सेंटर फॉर इस्लामिक साइंसेज यानी अल-मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी का प्रमुख बनाया. 2016 में अराफी को इस्लामिक विद्वानों और विशेषज्ञों के संगठन कोम सेमिनरी की सर्वोच्च परिषद के 7 सदस्यों में से एक के रूप में चुना गया था. अराफी को शुक्रवार की नमाज के लिए इमाम भी चुना गया। ये ईरान के धार्मिक क्षेत्र में सर्वोच्च पदों में से एक है.
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