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Lok Sabha Elections 2024: भारत में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अमेरिका (यूएस) पर रूस की ओर से लगाए गए बड़े आरोपों पर यूएस का रिएक्शन आया है. यूएस ने इन इलेक्शंस में हस्तक्षेप से जुड़े आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. गुरुवार (नौ मई, 2024) को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने डेली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, “ऐसा कतई नहीं है. हम न तो भारत में जारी चुनावों में शामिल हैं और न ही दुनिया में कहीं भी होने वाले चुनाव में ऐसा कर रहे हैं. चुनाव में भारत की जनता निर्णय करेगी.”
यूएस की ओर से यह टिप्पणी तब आई है, जब हाल ही में रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने मॉस्को में कहा था कि अमेरिका भारत के घरेलू मामलों और मौजूदा चुनावों में दखल डाल रहा है. पत्रकारों ने इसी दावे को लेकर मैथ्यू मिलर से सवाल पूछा था, जिस पर उनकी यह टिप्पणी आई.
गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या को लेकर भी लगा आरोप
यही नहीं, अमेरिका के अखबार ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ में छपे एक लेख में यह भी आरोप लगाए गए थे कि ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) के एक अधिकारी अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की योजना बनाने में शामिल थे. इस लेख को लेकर रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने मॉस्को में पत्रकारों से कहा,”यूएस नई दिल्ली के खिलाफ नियमित रूप से निराधार आरोप लगाता रहता है…हम देखते हैं कि वे न केवल भारत बल्कि कई अन्य देशों पर भी धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने के आधारहीन आरोप लगाते हैं. यह दर्शाता है कि यूएस भारत की राष्ट्रीय सोच को नहीं समझता, उसे भारत के विकास के ऐतिहासिक संदर्भ की समझ नहीं है और वह एक देश के रूप में भारत का सम्मान नहीं करता है.”
अमेरिका ने रूस के इन आरोपों पर क्या दिया जवाब?
रूसी प्रवक्ता ने इसे यूएस की औपनिवेशिक काल की मानसिकता करार दिया. ‘आरटी न्यूज’ ने जखारोवा के हवाले से जानकारी दी, “वे आम संसदीय चुनावों को जटिल बनाने के लिए भारत की आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करने का प्रयास कर रहे हैं. यह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का तरीका है. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों मामलों में वाशिंगटन से अधिक दमनकारी शासन की कल्पना करना कठिन है.” अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वाशिंगटन में इन आरोपों के बारे में किए गए सवालों के जवाब देने से बचते नजर आए. वह बोले- जब तक ये आरोप न्यायपालिका के सामने साबित नहीं हो जाते जब तक ये महज आरोप हैं. चूंकि, यह कानूनी मामला है इसलिए मैं यहां इस पर कुछ नहीं कहूंगा.
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