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कच्ची रोटियां
– फोटो : संवाद
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सिकंदराराऊ नगर के गौरीशंकर हिंदू इंटर कॉलेज में 9 मई को मध्याह्न भोजन की खराब गुणवत्ता को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। शिक्षकों का आरोप है कि भोजन बांटने वाली संस्था ने बच्चों के खाने के लिए कच्ची रोटियां भिजवाईं। शिक्षकों ने इस भोजन को खाने योग्य न मानते हुए फिंकवा दिया। दो माह पूर्व दाल-चावल में कीड़े निकले थे। दूध भी पाउडर का भिजवाया जा रहा है। प्रधानाचार्य ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से कर दी है।
बता दें कि विद्यालय में मध्याह्न भोजन बाबा नीम करोरी शिक्षण संस्थान हाथरस द्वारा दिया जाता है। 9 मई को जब बच्चों को एनजीओ की तरफ से भोजन में भेजी गई रोटी परोसी गईं तो यह रोटियां पूरी तरह कच्ची थीं और खाने लायक नहीं थी। विद्यालय में कक्षा छह से लेकर आठवीं तक के 66 विद्यार्थियों के लिए यह भोजन प्रतिदिन आता है। मध्याह्न भोजन प्रभारी धीरू वर्मा ने आरोप लगाया कि कुछ माह पूर्व दाल-चावल में भी कीड़े निकलते थे। इस कारण भोजन फिंकवाना पड़ा था। मेन्यू के हिसाब से कभी दूध नहीं आता। जब कभी आता भी है तो वह पाउडर का होता है। बच्चे बिना पीए दूध को फेंक देते हैं।
कच्ची रोटियों को बच्चों को खाने नहीं दिया गया। इससे बच्चों को उल्टी-दस्त और अपच की शिकायत हो सकती थी। वर्मा ने बताया कि कई बार इसकी लिखित शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर बीएसए और जिलाधिकारी से की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से संस्था के हौसले बुलंद हैं। खाना लाने वाले कर्मी से कहा गया तो उसने कह दिया हमारी तो ऊपर तक सेटिंग है। कोई हमारा क्या कर लेगा। स्कूल प्रधानाचार्य संजय वार्ष्णेय ने कहा कि लगातार शिकायत के बावजूद भोजन की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया जा रहा है। बच्चों को कड़़ी जांच के बाद ही भोजन परोसा जाएगा।
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