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इन दिनों एक ‘करोड़पति’ नौकर की खूब चर्चा हो रही है। दरअसल, ईडी को इस नौकर के घर से नोटों का पहाड़ मिला है। आठ मशीनों से जब नोटों की गिनती पूरी हुई तब पता चला कि उसने घर में 32 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश छिपा रखे थे। लेकिन इस नौकर के पास सिर्फ इतनी ही दौलत नहीं निकली। जांच के दौरान ईडी ने कई नए और अहम खुलासे किए हैं। यह नौकर कई गाड़ियों और फ्लैट का ‘मालिक’ भी है। साथ ही इसके बैंक खाते में भी खूब पैसे हैं। नौकर की पहचान जहांगीर के रूप में हुई है। वह झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के लिए काम करता था। नौकर जहांगीर और निजी सचिव की दोस्ती कोई नई नहीं है, दोनों एक-दूसरे को पिछले 15 सालों से जानते हैं। जहांगीर शुरुआत में मेडिकल लाइन में एमआर का काम करता था, वहीं से वह संजीव लाल की संपर्क में आया।
खाते में लाखों लेकिन सैलरी बहुत कम
झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल की काली कमाई से ही जहांगीर आलम करोड़ों का खर्च कर चुका है। उसके बैंक खाते में भी लाखों रुपए जमा होने का खुलासा ईडी की जांच में हुआ है। ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि जहांगीर को काम के बदले कुछ हजार रुपए का ही वेतन मिलता था। लेकिन, उसने करोड़ों का खर्च फ्लैट और वाहनों की खरीद में किया।
खूब छिपाया था माल
जहांगीर के नाम पर ही सर सैयद रेसीडेंसी के फ्लैट की खरीद हाल के दिनों में की गई थी। पूर्व में फसी अहमद नाम के बिल्डर से खरीद की बात सामने आयी थी, हालांकि बाद में ईडी ने जांच में पाया है कि किसी अन्य बिल्डर से इस फ्लैट की खरीद संजीव लाल ने की थी। यह फ्लैट जहांगीर के नाम पर खरीदा गया था, इस फ्लैट की खरीद का मकसद सिर्फ काली कमाई को यहां गुप्त तरीके से रखना था। ईडी के द्वारा संजीव लाल, जहांगीर आलम की आय-व्यय का हिसाब-किताब लगाया जा रहा है। ईडी ने संजीव लाल व जहांगीर से उनके व उनके आश्रितों के तमाम बैंक खातों की जानकारी मांगी है।
इन खातों के जरिए भी बैंक खातों में आए पैसों के स्रोत की जानकारी जुटाई जा रही है। फ्लैट की खरीद में कितने पैसों का भुगतान हुआ, भुगतान के तरीके कौन से थे, इसकी पड़ताल भी हो रही है। वहीं ईडी ने रडार पर आए ठेकेदार राजीव कुमार सिंह, मुन्ना सिंह, इंजीनियर विकास कुमार, कुलदीप मिंज, अर्जुन मुंडा, राजकुमार उरांव के बैंक खातों की जानकारी के साथ-साथ आश्रितों के आय-व्यय का पूरा ब्यौरा, चल- अचल संपत्तियों की जानकारी मांगी है।
ईडी की टीम पहुंचते ही मंत्रालय में खलबली
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव कुमार लाल को लेकर ईडी की एक विशेष टीम बुधवार को प्रोजेक्ट भवन पहुंची। ईडी की टीम संजीव कुमार लाल को दूसरे तल्ले स्थित कमरा नंबर 217 लेकर गई। यह कमरा मंत्री के आप्त सचिव के नाम से ही आवंटित है। ईडी की टीम के पहुंचते ही मंत्रालय में खलबली मच गई। वहां निजी सचिव संजीव लाल के ड्रॉवर से ईडी को नोटों के बंडल भी मिले।
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