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नई दिल्ली1 घंटे पहले
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केंद्र सरकार ने साल 2023 में एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) यानी पशु जन्म नियंत्रण को लेकर नए नियम जारी किए थे। (फाइल फोटो)
आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। 24 अप्रैल को पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि पक्षकारों को पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 पढ़ना चाहिए। इन्हें अच्छी तरह से समझने के बाद ही इस मामले की जड़ तक पहुंचा जा सकता है। अगर 2023 के नियम समस्या का समाधान कर सकते हैं तो नगर निगम के अधिकारी इन्हीं के मुताबिक जांच करने के लिए कहा जा सकता है।
इस दौरान एक वकील ने कहा कि पीठ द्वारा इन नियमों को पढ़ने के लिए कुछ समय दिया जा सकता है और इसके अध्ययन के बाद हम कोर्ट में वापस जाएंगे।
दरअसल, कुछ गैर-सरकारी संगठनों (NGOs), स्वतंत्र याचिकाकर्ताओं ने बॉम्बे और केरल हाईकोर्ट के फैसलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि नगर निगम के अधिकारियों को नियम के मुताबिक, आवारा कुत्तों के आतंक से निपटने के लिए अनुमति देनी चाहिए। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम के सामने 4 हाईकोर्ट के अलग-अलग फैसले
बॉम्बे, केरल, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पांच फैसले सुप्रीम कोर्ट के सामने हैं। केरल हाईकोर्ट ने एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) 2023 के नियमों को बरकरार रखा। उन्होंने माना कि आवारा कुत्तों को मारने के लिए नगर निगम को ABC नियमों का पालन करना चाहिए। आवारा कुत्तों को मारने के लिए नगर निगम अधिकारियों को बेलगाम शक्तियां नहीं दी जा सकतीं। दूसरी ओर बॉम्बे, कर्नाटक और हिमाचल हाईकोर्ट ने माना कि स्थानीय अधिकारियों के पास आवारा कुत्तों को मारने की शक्तियां हैं और वे ABC नियमों के अधीन नहीं हैं।
जानिए ABC 2023 नियम क्या हैं?
केंद्र सरकार ने साल 2023 में एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) यानी पशु जन्म नियंत्रण को लेकर नए नियम जारी किए। इन नियमों ने पशु जन्म नियंत्रण 2001 का स्थान लिया है। ABC का मकसद कार्यक्रमों के जरिए आवारा डॉग्स की नसबंदी और टीकाकरण के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करना है। इसकी जिम्मेदारी संबंधितनगर पालिकाओं, नगर निगमों और पंचायतों की है।
नगर निगमों को ABC और एंटी रेबीज प्रोग्राम को संयुक्त रूप से लागू करने की जरूरत है। ABC के नियम कहते हैं कि आवारा कुत्तों को एक जगह से दूसरे जगह ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। उनके साथ क्रूरता नहीं होनी चाहिए, बल्कि उनकी देखभाल करनी चाहिए।
23 डॉग ब्रीड्स पर बैन लगाने के लिए केंद्र का राज्यों को निर्देश
केंद्र सरकार ने इसी साल मार्च में राज्यों से कहा है कि डॉग्स की 23 ब्रीड के इम्पोर्ट पर बैन लगा दिया जाए। केंद्र ने कुत्तों के हमले में इंसानी मौतों के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों से कहा है कि वे इन 23 ब्रीड के डॉग्स का ना सिर्फ इम्पोर्ट रोकें, बल्कि इनकी ब्रीडिंग और बिक्री पर भी रोक लगाएं।
23 डॉग ब्रीड की लिस्ट में रॉटविलर और पिटबुल भी शामिल हैं। हाल ही में इंसानों पर डॉग अटैक्स के केस में इन ब्रीड्स के डॉग का नाम आया है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन डॉग्स की मिक्स ब्रीड्स और क्रॉस ब्रीड्स पर बैन लगाया जाए।
एनिमल वेलफेयर बॉडीज और एक्सपर्ट्स की एक कमेटी ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक रिपोर्ट सब्मिट की है। जिसके बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है।
अमेरिकन बुलडॉग बड़े आकार का कुत्ता होता है। ये जिस परिवार में पलते हैं उसके प्रति सौम्य रहते हैं, लेकिन अजनबियों के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
केंद्र ने राज्यों से क्या कहा, 3 पॉइंट
- केंद्र ने राज्यों को खत लिखा और कहा, “लोकल प्रशासन इन डॉग्स की बिक्री और ब्रीडिंग के लिए लाइसेंस या परमिट ना जारी करे। इन ब्रीड्स के जो डॉग्स पाले जा रहे हैं उन्हें स्टरलाइज कर दिया जाए, ताकि आगे ब्रीडिंग को रोका जा सके।”
- सरकार ने कहा, “पशु कल्याण संस्थाएं और आम लोग परेशान हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया है कि केंद्र सभी पार्टियों से सलाह-मशविरे के बाद 3 महीने के भीतर इस मामले पर फैसला ले।”
- केंद्र ने राज्यों से कहा कि पशु क्रूरता रोकने के लिए प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टु एनिमल रूल 2017-18 (डॉग ब्रीडिंग, मार्केटिंग और पेट शॉप) को सख्ती से लागू किया जाए।
कर्नाटक हाईकोर्ट का 23 डॉग ब्रीड्स पर बैन से इनकार किया
केंद्र सरकार के डॉग्स के 23 ब्रीड्स पर बैन लगाने के सर्कुलर पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने 20 मार्च को रोक लगा दी है। जस्टिस एम नागाप्रसन्ना ने कहा कि ये रोक सिर्फ कर्नाटक राज्य के लिए ही मान्य होगी।
कोर्ट ने कहा कि डिप्टी सॉलिसिटर जनरल को बताना होगा कि केंद्र सरकार के इस फैसले का क्या आधार था। जब तक वे इसके डॉक्यूमेंट्स पेश नहीं करते, तब तक हम सर्कुलर पर स्टे लगाते हैं।
पिछले कुछ समय में हुए डॉग अटैक्स के मामले…
11 मार्च 2024: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक पिटबुल ने दो साल के बच्चे पर हमला कर उसे घायल कर दिया। जब पिटबुल ने अटैक किया, तब कुत्ते का मालिक कुत्ते को घुमा रहा था, जिससे बच्चे की जान बच गई। हालांकि, उसके सिर पर जख्म हो गया।
अक्टूबर 2023: हरियाणा के हिसार में पिटबुल ने एक युवती पर हमला कर दिया। युवती को पेट, पैर और शरीर के अन्य हिस्सों पर काटा। युवती जमीन पर गिर गई तो पिटबुल ने उसके बाल मुंह में पकड़ कर उसे घसीटा। पड़ोस के लोगों ने मुश्किल से युवती की जान बचाई।
जुलाई 2023: हरियाणा के हिसार में एक महिला को पिटबुल ने काट लिया। कुत्ते ने 5 मिनट तक महिला की टांग को अपने जबड़े में जकड़े रखा। 2 व्यक्तियों ने बड़ी मशक्कत के बाद उसे छुड़ाया और कुत्ते को काबू किया।
जुलाई 2023: उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक गांव में पिटबुल ने अपने मालिक पर ही हमला कर दिया। हमले में मालिक गंभीर रूप से घायल हो गया है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता था कि मेरा ही पाला हुआ कुत्ता मेरे ऊपर हमला कर देगा।
जनवरी 2023: उत्तर प्रदेश के मेरठ में रॉटविलर डॉग ने पंजाबी एक्टर रोहित (23) के हाथ- पैर में काट लिया। उनके चेहरे, हाथ, पैर पर काफी चोटें भी आई थीं।
हाल ही में सामने आईं कुत्तों के हमलों की घटनाओं में आवारा कुत्तों के बाद सबसे ज्यादा अटैक्स पिटबुल ने ही किए थे।
अमेरिका समेत 41 देशों में बैन है पिटबुल
पिटबुल डॉग अमेरिका, जर्मनी, डेनमार्क, स्पेन, ब्रिटेन, आयरलैंड, रोमानिया, कनाडा, इटली और फ्रांस समेत 41 देशों में बैन है। कई देशों में पिटबुल प्रजाति के कुत्ते को रिहायशी इलाकों में पालने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। एक्सपर्ट के मुताबिक, पिटबुल प्रजाति के कुत्ते किसी व्यक्ति या जानवर को कब्जे में लेने के बाद अपने जबड़ों को लॉक कर लेते हैं। ऐसे में छुड़ा पाना आसान नहीं होता है।
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पिछले साल सितंबर में गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से 14 साल के बच्चे की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। AIIMS से लेकर तमाम बड़े हॉस्पिटलों ने उसको लाइलाज घोषित कर दिया था। बुलंदशहर में एक वैद्य के यहां दिखाकर लौटते समय बच्चे ने एम्बुलेंस में अपने पिता की गोद में दम तोड़ दिया था। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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केरल के कोट्टायम में पुलिस 24 सितंबर 2023 की रात एक संदिग्ध ड्रग्स तस्कर के घर छापेमारी के लिए पहुंची थी। जैसे ही पुलिस घर में दाखिल हुई, कई हिंसक कुत्तों ने टीम पर हमला कर दिया। जब तक टीम ने कुत्तों पर काबू पाया, घर में मौजूद लोग फरार हो गए थे। बाद में पता चला कि इन कुत्तों को खाकी रंग के कपड़े पहने हुए लोगों पर हमला करने की ट्रेनिंग दी गई थी, जिससे ड्रग्स माफिया को वहां से भागने का मौका मिल जाए। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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