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पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की कतार
– फोटो : अमर उजाला
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बदायूं में मतदाता जागरूकता के सरकारी प्रयासों और निजी संगठनों के तमाम आयोजनों के बाद भी मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ सका। मतदान में दस कदम आगे जाने की तैयारी थी लेकिन ढाई कदम पीछे रह गए। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 57.17 प्रतिशत मतदान रहा था। अबकी बार 54.58 मतदान हुआ।
जिले के चुनावी इतिहास में अगर लोकसभा चुनावों की बात करें तो सर्वाधिक मतदान 1984 में 62.40 प्रतिशत हुआ था। लक्ष्य तो 72 फीसदी से आगे जाने का था। उम्मीद थी 1984 का रिकॉर्ड पार करके एक इतिहास रचेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब इसके कारण तलाशे जा रहे हैं। वहीं परिणाम का भी इंतजार और चुनावी गुणाभाग शुरू है।
इस चुनाव में बदायूं संसदीय सीट से सपा के आदित्य यादव, बसपा के मुस्लिम खां और भाजपा के दुर्विजय सिंह शाक्य समेत कुल 11 उम्मीदवारों के चुनाव का नतीजे ईवीएम में कैद हो गए। कौन जीता-कौन हारा इसे लेकर आकलन शुरू हो चुके हैं, अब असली बात तो चार जून को ही स्पष्ट हो सकेगी।
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