[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
ईडी ने मंगलवार को रांची की एक अदालत में आरोप लगाया कि झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव ने कुछ प्रभावशाली लोगों की ओर से निविदाओं पर कमीशन जमा किया। ईडी ने यह भी दावा किया कि आलमगीर आलम के ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी ‘ऊपर से नीचे’ तक इस अवैध उगाही में कथित तौर पर शामिल थे। केंद्रीय एजेंसी ने सोमवार को 52 वर्षीय संजीव कुमार लाल और उनके 42 वर्षीय घरेलू सहायक जहांगीर आलम को तलाशी के बाद गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद रांची में एक फ्लैट से 32.20 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए, जहां रेलू सहायक जहांगीर आलम रह रहा था।
ईडी ने कुल 36.75 करोड़ रुपये की जब्ती की है। एजेंसी ने अन्य स्थान से लगभग 3 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। इसमें लाल के ठिकाने से 10.05 लाख रुपये की जब्ती शामिल हैं। यही नहीं मंगलवार को भी एक ठेकेदार के परिसर पर छापेमारी हुई और 1.50 करोड़ रुपये जब्त किये गये। ईडी ने यह जब्ती ग्रामीण विकास विभाग से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में की। ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम के सचिव लाल और जहांगीर आलम को रांची की विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया गया। प्रभात कुमार शर्मा की अदालत ने उन्हें छह दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया।
बता दें कि ईडी ने पूछताछ के लिए लाल और जहांगीर आलम की हिरासत की मांग की। ईडी ने अदालत में जमा किए गए अपने रिमांड कागजात में कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि संजीव लाल कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों की ओर से जमा किए गए कमीशन की देखभाल करता है। इस उगाही के प्रबंधन में उसकी भूमिका बेहद अहम है। निविदाओं और इंजीनियरों से कमीशन की वसूली के साथ-साथ कमीशन का उक्त प्रतिशत सरकार के उच्च अधिकारियों को भी बांटा जाता है। एजेंसी ने यह भी कहा कि मामले में वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं के नाम सामने आए हैं। मामले की सघन जांच की जा रही है।
[ad_2]
Source link