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झारखंड की राजधानी रांची में करोड़ों रुपये कैश मिलने से सनसनी मची हुई है। प्रवर्तन निदेशालय ने रांची में कुल छह जगहों पर छापेमारी की है। ईडी की इस छापेमारी में मिले कैश के साथ-साथ एक चिट्ठी की भी काफी चर्चा हो रही है। ईडी अधिकारियों ने कहा है कि झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर के घर से अभी तक 30 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। यह छापेमारी अभी भी जारी है। ईडी अधिकारियों ने बताया है कि उन्होंने मंत्री आलमगीर आलम से जुड़े छह ठिकानों पर रेड मारी है।
एक बड़ी हैरानी की बात यह भी है कि राजधानी रांची में एक नौकर के घर से नोटों का पहाड़ मिला है लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने इस पूरे मामले से ही अनभिज्ञता जता दी है। सीएम चंपई सोरेन से जब उनके ग्रामीण विकास मंत्री के निजी सचिव के नौकर के घर ईडी की कार्रवाई के बारे में पूछा गया तब उन्होंने मीडिया के कैमरों के सामने साफ कह दिया कि वो सब कि अभी हमें जानकारी नहीं है।
अब चंपई सोरेन भले ही अपने कैबिनेट मंत्री के पीएस के नौकर के घर हुई इस छापेमारी को लेकर यह कह रहे हैं कि उनको कोई जानकारी नहीं है लेकिन बीजेपी इस मौके को हाथ से गंवाना नहीं चाहती है। बीजेपी ने इस पूरे मामले में ना सिर्फ मंत्री आलमगीर आलम को पद से हटाने की मांग की है बल्कि सीबीआई से जांच की भी मांग की है।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘आलमगीर आलम के निजी सचिव के नौकर के घर से कैश मिले ते। इसके साथ ही एक खत भी मिला है जिसे ईडी ने मुख्य सचिव को और मुख्य सचिव ने सचिव को लिखा था। इस खत में सचिव को निर्देश दिया गया था कि वो भ्रष्ट अधिकारियों पर ऐक्शन लें। ऐसे हालात में बिना देर किए सबसे पहले मंत्री को पद से हटा देना चाहिए और उस खत के संबंध में तुरंत FIR दर्ज होनी चाहिए। इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए। चंपई सोरेन को इस मामले में ऐक्शन लेना चाहिए और उन्हें भ्रष्टाचारियों को बचाना नहीं चाहिए।’
बताया जा रहा है कि इस छापेमारी में मिले कैश को गिनने के लिए नोट गिनने वाली मशीन का इस्तेमाल किया गया है। जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें नोटों का पहाड़ नजर आ रहा है। बहरहाल अभी इस पूरे मामले में आगे की कार्रवाई जारी है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि ईडी को मंत्री आलमगीर आलम के विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी जिसके बाद से ही ईडी लगातार इसपर नजर रख रही थी और फिर अपने इनपुट के साथ प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी को अंजाम दिया है।
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