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नई दिल्ली4 मिनट पहले
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देश की कई यूनिवर्सिटीज के लगभग 200 कुलपतियों (वाइस चांसलर्स) और प्रोफेसर्स ने राहुल गांधी को ओपन लेटर लिखा है। जिसमें प्रोफेसरों और कुलपतियों के सिलेक्शन प्रोसेस पर सवाल उठाने की आलोचना की गई है। साथ ही राहुल गांधी के लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है।
इस लेटर में यह भी लिखा है कि राहुल गांधी ने राजनीतिक लाभ उठाने के लिए झूठ का सहारा लिया है और पूरे सिस्टम को बदनाम किया है। हम अपील करते हैं कि कानून के मुताबिक उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।
लेटर में क्या-क्या लिखा है…
- राहुल गांधी की X पोस्ट और ओपन सोर्स से हमें पता चला है कि यह दावा किया है कि कुलपतियों की नियुक्ति, योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि किसी संगठन से जुड़े होने के आधार पर की जाती है। जिससे कुलपतियों की चयन प्रक्रिया की पर सवाल उठता है। हम ऐसे दावों को खारिज करते हैं।
- कुलपतियों के सिलेक्शन में योग्यता, स्पेशलाइजेशन और ईमानदारी के आधार पर ट्रांसपैरेंट प्रोसेस अपनाई जाती है। ज्ञान के संरक्षक और एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर हम अखंडता, नैतिक व्यवहार और संस्थागत अखंडता को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं।
- हम सभी से अपील करते हैं कि वे फैक्ट और फेक में अंतर समझने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करें। निराधार अफवाहों को फैलाने से बचें। ऐसी चर्चा में शामिल हों, जो क्रिएटिव और गतिशील वातावरण बनाने के हमारे लक्ष्य को सपोर्ट करे।
- देशभर की नामी यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों और एकेडमिक लीडर्स ने सिलेक्शन प्रोसेस को लेकर हाल ही में लगाए गए निराधार आरोपों का जवाब दिया है और उनका खंडन किया है।
- इस बात को देखते हुए कि राहुल गांधी ने झूठ का सहारा लिया है और राजनीतिक लाभ उठाने के इरादे से हमें बदनाम किया है। इसलिए, यह प्रार्थना करते हैं कि उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।
लेटर लिखने वालों में शामिल एकेडमिक लीडर्स
ओपन लेटर लिखने वालों में JNU की वाइस चांसलर्स शांतिश्री धुलीपुडी पंडित, दिल्ली यूनिवर्सिटी के VC योगेश सिंह और एआईसीटीई के अध्यक्ष टीजी सीताराम शामिल हैं। लेटर पर साइन करने वाले कुछ और लोगों में सीएसजेएम यूनिवर्सिटी कानपुर के VC विनय पाठक, पेसिफिक यूनिवर्सिटी उदयपुर के VC भगवती प्रकाश शर्मा, महात्मा गांधी ग्रामोदय यूनिवर्सिटी चित्रकूट के पूर्व वाइस चांसलर एनसी गौतम, गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर के VC आलोक चक्करवाल और बीआर अंबेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी सोनीपत के पूर्व वाइस चांसलर विनय कपूर शामिल हैं।
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