मिलिन्द कुमार
घोरावल सोनभद्र। घोरावल तहसील क्षेत्र के भैंसवार ग्राम पंचायत में रविवार की शाम किसान मजदूर पंचायत का आयोजन किया गया। पंचायत में शामिल सैकड़ों ग्रामीण किसानों ने गांव में चकबंदी के मुद्दे पर विचार विमर्श किया और पंचायत में निर्णय लिया कि अगर हमारे मुद्दों पर शासन प्रशासन कार्रवाई का ठोस आश्वासन नही देती है तो आगामी चुनाव में वोट नही करेंगे या नोटा का बटन दबाकर विरोध करेंगे।
पंचायत में शमिल बिरजू कुशवाहा, गजेंद्र बहादुर सिंह, रामपाल, बृजेश कुमार और परमानंद वक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि भूमाफिया अधिकारी गठजोड़ द्वारा चकबंदी के नाम पर में भैंसवार में सन 1980 में भारी फर्जीवाड़ा हुआ है। भूमाफियाओं के पास जो 450 बीघा अतिरिक्त जमीन में दिख रही है, वह जमीन भौतिक रूप से गांव में है ही नहीं। मामले में कई बार चकबन्दी आयुक्त और डीएम द्वारा रीसर्वे करने, चकबन्दी प्रक्रिया फिर से शुरू करने के आदेश दिए गए, लेकिन उचित कार्रवाई नही हुई।
बहुसंख्यक किसानों की अपील पर सन 2021 में हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सारीअनियमितताओं को दूर करके चकबंदी कराई जाए। मगर अब तक आदेश का पालन नही हो पाने का आरोप किसानों ने लगाया।
किसानों की मांग है कि अब तक हुई फर्जी चकबंदी प्रक्रिया को निरस्त किया जाए। वह 450 बीघा फर्जी खतौनी जो कागज में गलत तरीके से दर्ज किया गया है, उस गलती को सुधारा जाए तथा जोत, कोड़, कब्जा के आधार पर खतौनी का निस्तारण करने के बाद ही चकबन्दी कराई जाए। दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई की जाए।
इस अवसर पर मोहन कोल, संजय यादव( पूर्व प्रधान)
कुंजन कोल, बुधिराम अगरिया, लंबे दार अगरिया, मुन्नी राम पाल, पूर्व प्रधान हीरावती, रामपाल, पंचम मौर्या, रामवृक्ष कोल, कैलाश पाल, वीरेंद्र चौहान, श्याम नारायण यादव, �