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नई दिल्ली. ऋचा चढ्ढा की इन दिनों संजय लीला भंसाली की ‘हीरामंडी’ को लेकर खबरों हैं. इस सीरीज में ऋचा ने रज्जो का रोल प्ले कर हर किसी का दिल जीत लिया है. अपने रोल की तरह ऋचा चड्ढा हमेशा नारीवाद की चैंपियन रही हैं. अक्सर उन्हें फेमिनिज्म पर बात करते हुए देखा जाता है. इन्हीं सब के बीच एक्ट्रेस ने अपने करियर को लेकर ऐसा खुलासा किया है, जिसे जानने के बाद हर किसी का दिल दहल गया है.
News18 Shosha से एक्सक्लूसिव बातचीत में ऋचा ने खुलासा किया कि एक महिला की जीत उनके लिए जीत नहीं हो सकती. अगर यह एक टॉक्सिक महिला है जो हर किसी को बदनाम करती है और जो सुर्खियों में आने लिए अस्वाभाविक रूप से बुरा व्यवहार करती है, तो उसकी जीत मेरी जीत नहीं है. हमें हर किसी की प्रगति और विकास का जश्न मनाना चाहिए. लेकिन क्या ऐसा हमेशा होता है? नहीं..
ऋचा के अनुसार, यह मानसिकता शो बिजनेस में शक्तिशाली महिलाओं के साथ उनके कई अनचाही अनुभवों से उपजी है, जिन्होंने उनके साथ गलत किया है लेकिन फिर भी सोशल मीडिया पर नारीवाद का मुखौटा पहने हुए हैं. मुझे नहीं लगता कि मैं इस तथ्य से सहमत हूं कि सभी महिलाएं संत हैं. मुझे उन फीमेल प्रोड्यूसर के साथ कुछ भयानक और बेहद ही बुरे अनुभव हुए हैं जिनके चेक बाउंस हो गए और वे ट्विटर (अब एक्स) पर नारीवादी होने का दिखावा करती हैं.
FIRST PUBLISHED : May 6, 2024, 09:21 IST
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