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जोनी प्रजापति | कुरुक्षेत्र लगातार छापेमारी के बावजूद भी 4 माह की लिंगानुपात रिपोर्ट में जिला टॉप 5 से पिछड़ गया। जिला 2020 तक टॉप 5 में बना हुआ था। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी अप्रैल महीने की रिपोर्ट में कुरुक्षेत्र जिला प्रदेश में 7वें स्थान पर रहा। इसमें पहले स्थान पर चरखी दादरी व सबसे अंतिम स्थान पर महेंद्रगढ़ रहा। प्रदेश में अप्रैल महीने में 1 लाख 64 हजार 341 बच्चों का जन्म हुआ। इनमें 78 हजार 570 लड़कियां और 85 हजार 791 लड़के हैं। प्रदेश का लिंगानुपात 916 दर्ज किया गया। जिला स्वास्थ्य विभाग की पीएनडीटी टीम ने 5 सालों में 28 जगहों पर रेड की है। वहीं 2015 से अब तक पीएनडीटी एक्ट के तहत 33 मामले कोर्ट में चले रहे हैं। 2 मामलों में सजा हुई है। उसके बावजूद भी धर्मनगरी में राक्षस प्रवृत्ति के लोगों द्वारा बेटियों का कोख में कत्ल करवाया जा रहा है। ये कहीं और नहीं बल्कि समाज में ही इर्द-गिर्द घूमते हैं। लोग बेटों के मोह में पड़कर नन्ही सी जान को कोख से श्मशान में पहुंचा रहे हैं। आखिर कब तक इस देश और प्रदेश में बेटियां इस तरह से कोख में मरती रहेंगी। ये अपने आपने में बड़ा सवाल है। जिले में 20 के करीब गांव ऐसे हैं जहां लिंगानुपात सबसे कम हैं। लिंग जांच करने या करवाने वाले व्यक्ति को पकड़वाने वाले को सरकार 1 लाख रुपए की नकद राशि दी जाती है। इसमें सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है। वहीं लिंगानुपात में अव्वल रहने वाले गांव को भी पुरस्कृत किया जाता है। बशर्ते उस गांव की जनसंख्या 5 हजार से अधिक नहीं होनी चाहिए। पिछले साल जिले के झांसा गांव को लिंगानुपात सही होने पर सम्मानित किया था।
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