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दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल भेजने के मामले में एजेंसियों की जांच अब तीन विदेशी सर्वर, तीन वेबसाइट और तीन चैट ऐप पर आकर टिक गई है। ई-मेल के कंटेंट का कुछ हिस्सा आतंकी संगठन आईएस द्वारा संचालित की जाने वाली वेबसाइट पर लिखे जाने वाले कंटेंट से मिलता-जुलता है। इसके आधार पर धमकी भरे ईमेल के कंटेंट का कुछ हिस्सा यहां से कॉपी करने का अंदेशा जताया जा रहा है। तीन स्तर पर इस मामले की जांच चल रही है। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल सीबीआई के जरिये इंटरपोल के संपर्क में है।
इस मामले में आईपी एड्रेस के लिए तीन विदेशी सर्वर से जुड़ी जानकारी इंटरपोल की मदद से हासिल करने की कवायद भी चल रही है। इसमें रूस, फ्रांस और आतंकी संगठन आईएस द्वारा यदा-कदा इस्तेमाल किए जाने वाले एक अन्य विदेशी सर्वर शामिल हैं। वहीं, टेलीग्राम सहित तीन ऐसे चैट ऐप की जांच कर संदिग्धों के इस नेटवर्क को खंगालने का प्रयास किया जा रहा है।
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सूत्रों के अनुसार, इस तरह के ई-मेल अमूमन वीपीएन कनेक्शन का इस्तेमाल करके भेजे जाते हैं, ताकि असली आईपी एड्रेस छिपाया जा सके। धमकी भरा ई-मेल भेजने के लिए कई बार डार्क वेब का भी इस्तेमाल किया जाता है। अगर डार्कवेब का इस्तेमाल किया गया होगा, तब तो पुलिस या किसी भी एजेंसी के लिए आईपी एड्रेस का पता लगाना काफी मुश्किल होगा। अगर सामान्य प्रक्रिया के तहत लोकेशन हाइड की गई है तो साइबर टीम को भरोसा है कि जल्द एड्रेस का पता लगा लिया जाएगा।
स्पेशल सेल ने आईपीसी की धारा 505 (2) (विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी, नफरत या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाला बयान), 507 (गुमनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी देना), और 120 (बी) (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है। स्कूलों को जो ई-मेल भेजा गया था, उसमें यह दावा किया गया था कि उनके परिसर में विस्फोटक लगाए गए हैं।
कुछ नए संकेत मिले
ई-मेल में भेजे गए कंटेंट की भाषा आतंकी संगठन आईएस सहित कुछ अन्य संगठनों की भाषा से मेल खाती है। जैसे सावरिम एक अरबी शब्द है, जिसका इस्तेमाल आईएस पिछले कई साल से करता रहा है। इस कारण भेजे गए इस ई-मेल को आईएस से जोड़कर देखा जा रहा है, जबकि चैट ऐप पर संदिग्धों द्वारा बनाए गए ई-मेल के बारे में कुछ संकेत मिले हैं, इसलिए पुलिस इस दिशा में भी तफ्तीश आगे बढ़ा रही है। दूसरी ओर आईपी एड्रेस के लिए तीनों संदिग्ध विदेशी सर्वर की तरफ रुख किया जा रहा है। स्पेशल सेल लगातार सीबीआई के जरिये इन तमाम जानकारी के लिए इंटरपोल के संपर्क में है।
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