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नई दिल्ली. ‘कभी खुदको कहा ‘जंगली’ तो कभी कहा ‘जानवर’, लेकिन जब इनका अंदाज देखा तो सबने कहा ‘तुम सा नहीं देखा कोई दूसरा हुजूर.’ जिस एक्टर की हम बात कर रहे हैं, उस एक्टर के जीन में अदाकारी है. उस खानदान में वह पैदा हुए, जहां थिएटर पेशा भी था और व्यवसाय भी. घर में रात-दिन सिर्फ एक्टिंग की बातें हुआ करती थी. जिस एक्टर की हम बात कर रहे हैं. मुमताज, साधना, जीनत अमान सहित कई दिग्गज अभिनेत्रियों के साथ उन्होंने स्क्रीन को शेयर किया. उन्होंने 60-70 के दशक में एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्में देकर अपने पिता का नाम रोशन किया. जिस दौर में लोग डाकघर में चिट्ठियों को पोस्ट किया करते थे उस दौर में वह इंडस्ट्री का कंप्यूटर गुरु बन गए थे. क्या आप अंदाजा लगा पाए?
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