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नीट पीजी के करीब डेढ़ माह पहले नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (एनबीई) ने अपनी सभी परीक्षाओं का पैटर्न बदल दिया है। ऐसे में नीट पीजी, एफएमजीई सहित अन्य परीक्षाओं की तैयारियां पुराने फॉर्मेट में कर चुके छात्रों को फिर से प्रैक्टिस करनी पड़ेगी। नीट पीजी 23 जून को आयोजित होना है। आठ जून को ग्रेजुएट फॉर्मेसी एप्टीट्यूट टेस्ट होना है। वहीं फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन छह जुलाई को होगा। नए पैटर्न के अनुसार अब स्टूडेंट्स को परीक्षा में सेक्शनवाइज सवालों को हल करना होगा। इसके लिए समय निर्धारित किया जाएगा। एक बार सेक्शन का समय पूरा होने के बाद छात्र दोबारा पुराने सेक्शन में जाकर किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं कर पाएगा। एक सेक्शन का समय पूरा होने के बाद परीक्षार्थी अपने आप दूसरे सेक्शन में स्विच कर पाएगा। मेडिकल एजुकेशन एक्सपर्ट डॉ. आकाश सोनी ने बताया बदलाव अच्छे हैं, लेकिन परीक्षाओं से ठीक पहले यह बदलाव छात्रों को तनाव देंगे। मेडिकल एजुकेशन एक्सपर्ट डॉ. शंकुल द्विवेदी ने बताया कि एनबीई ने यह कहा है कि परीक्षा में सुरक्षा बरतने के लिए ही नियम बदले हैं। नीट पीजी का तो इंफॉर्मेशन बुलेटिन तक जारी कर दिया गया है। पैटर्न में बदलाव करना इस निर्णय पर सवाल खड़ा करता है। अब इन परीक्षाओं का पैटर्न रहेगा समान
नीट पीजी, नीट एमडीएस, नीट एसएस, एफएमजीई, डीएनबी-पीडीसईटी, जीपैट, डीपीईई, एफडीएसटी और एफईटी के पैटर्न को एक समान कर दिया गया है। एक ही पेपर में आने वाले सेक्शन का समय अलग-अलग हो सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर नीट पीजी के सेक्शन ए का समय 40 मिनट है तो सेक्शन बी का टाइम 30 मिनट भी हो सकता है। यह पेपर में पूछे जाने वाले सवालाें पर निर्भर करेगा कि प्रत्येक सेक्शन के लिए कितना समय मिलेगा। नए पैटर्न के बाद नीट पीजी की कट ऑफ में अंतर आएगा।
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