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रांची की विशेष PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने जमीन घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर शनिवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। वे फिलहाल रांची जेल में बंद हैं। कोर्ट अब अपना फैसला 10 मई को सुनाएगा। शनिवार को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने लिखित में अपने जवाब दाखिल किए।
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली हेमंत सोरेन की आपराधिक रिट याचिका उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को खारिज कर दी थी। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम राहत की मांग करने वाली सोरेन की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया था। इससे भी पहले सोरेन ने मौजूदा लोकसभा चुनावों को देखते हुए तुरन्त सुनवाई की मांग की थी।
अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली सोरेन की याचिका पर हाई कोर्ट ने फरवरी में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अपनी याचिका में सोरेन ने दावा किया था कि उनकी गिरफ्तारी बिना वॉरंट के हुई थी और इस मामले में उनकी रिमाण्ड मनमानी और अवैध थी। कोर्ट ने 28 फरवरी को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि 3 मई को फैसला सुनाते हुए अदालत ने सोरेन की याचिका खारिज कर दी।
झारखंड उच्च न्यायालय में दायर याचिका में सोरेन ने कहा था कि उनके खिलाफ जो मामला दर्ज किया गया है, वह मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं है। जिस जमीन की बात ईडी कह रहा है वह जमीन उनके नाम कभी रही ही नहीं। सोरेन ने आदेश सुरक्षित रखने के बाद फैसला नहीं सुनाए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में भी याचिका दायर कर रखी है। उच्चतम न्यायालय ने इस पर ईडी से जवाब मांगा है।
एडवोकेट प्रज्ञा बघेल के जरिए याचिका दायर करने वाले हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और दुर्भावनापूर्ण बताया है।
31 जनवरी को गिरफ्तारी के बाद राज्य की एक विशेष अदालत ने 1 फरवरी को उन्हें एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जिसकी अवधि समय-समय पर बढ़ाई गई। फिलहाल वे रांची की जेल में बंद हैं।
गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन ने तब राहत की गुहार लगाते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन तब उन्हें कोर्ट की तरफ से किसी तरह की राहत नहीं दी गई। उनकी याचिका दो फरवरी को खारिज कर दी गई थी।
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