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बीते दिनों मध्य प्रदेश के इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। इंदौर की इस घटना पर लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हैरानी जताई है। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि इंदौर में कांग्रेस के उम्मीदवार के पर्चा वापस लेने के बारे में जानकर मैं आश्चर्यचकित रह गई कि यह क्या हो गया? ऐसा नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम की कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि दीवार पर लिखा हुआ है कि इंदौर में भाजपा को कोई भी नहीं हरा सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार (बम) को ऐन चुनावों में ऐसा नहीं करना चाहिए था। उसने एक तरह से अपनी पार्टी (कांग्रेस) से भी धोखा किया, लेकिन मैं ऐसे शब्दों का इस्तेमाल क्यों करूं?
‘भाजपा ने जो किया, अच्छा नहीं लगा’
महाजन ने कहा कि इंदौर लोकसभा सीट के इतिहास में अपनी तरह के पहले चुनावी पालाबदल के बाद शहर के कुछ पढ़े-लिखे लोगों ने उन्हें फोन करके नाराजगी जताई। फोन करने वालों ने मुझसे कहा कि अब वे ईवीएम पर नोटा (NOTA) का विकल्प चुनेंगे, क्योंकि भाजपा ने जो किया, वह उन्हें अच्छा नहीं लगा। महाजन ने आगे कहा कि मैंने इन लोगों को समझाया कि इस प्रकरण में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी अपनी मूल विचारधारा पर अडिग होकर काम कर रही है और हमारे उम्मीदवार (शंकर लालवानी) मैदान में हैं, इसलिए उन्हें नोटा के बजाय भाजपा को वोट देना चाहिए।
बम पेशे से कारोबारी हैं। उन्होंने इंदौर में कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया और भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके साथ ही भाजपा का मजबूत गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर कांग्रेस की चुनावी चुनौती समाप्त हो गई, जहां वह पिछले 35 साल से जीत की बाट जोह रही है। इस दौरान सुमित्रा महाजन ने दावा किया कि बम के कांग्रेस को झटका देकर भाजपा में आने के घटनाक्रम के पीछे की कहानी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।
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