[ad_1]
- Hindi News
- National
- Arvinder Singh Lovely BJP Joining Update; Amit Malik | Lok Sabha Election
नई दिल्ली4 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
अरविंदर लवली के अलावा कांग्रेस के 4 नेताओं ने भी उनके साथ भाजपा जॉइन की।
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली शनिवार को भाजपा में शामिल हो गए। 6 दिन पहले यानी 28 अप्रैल को उन्होंने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। उन्होंने तब कहा था कि पार्टी नहीं छोडूंगा। लवली के साथ नीरज बसोया, राजकुमार चौहान, नसीब सिंह और अमित मलिक भी भाजपा में शामिल हुए।
अरविंदर सिंह लवली की भाजपा में यह दूसरी पारी है। लवली 7 साल पहले 18 अप्रैल 2017 को भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए थे। हालांकि, 10 महीने बाद ही वे 17 फरवरी 2018 को वापस कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 31 अगस्त 2023 को लवली को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था।
28 अप्रैल को मल्लिकार्जुन खड़गे को उन्होंने 4 पेज की चिट्ठी लिखकर पार्टी प्रभारी पर मनमानी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि मुझे एक ब्लॉक अध्यक्ष तक नियुक्त करने का अधिकार नहीं है। इसके अलावा लवली ने AAP से गठबंधन पर भी ऐतराज जताया था।
लवली ने अपनी चिट्ठी में लिखा- दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के आधार पर बनी थी। इसके बावजूद पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।
लवली के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने 30 अप्रैल को देवेंद्र यादव को दिल्ली इकाई का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया था।
दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से 4 पर AAP, 3 पर कांग्रेस लड़ रही
दिल्ली में लोकसभा की 7 सीटें हैं। गठबंधन के तहत AAP इनमें से 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस ने चांदनी चौक से जेपी अग्रवाल, उत्तर-पूर्वी दिल्ली से कन्हैया कुमार और उत्तर-पश्चिम दिल्ली से उदित राज को मैदान में उतारा है। दिल्ली में 25 मई को छठे फेज में वोटिंग होगी।
2019 में भाजपा ने सातों सीटें जीती थीं
2019 लोकसभा चुनाव में दिल्ली में भाजपा ने सातों सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा के सभी उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस दूसरे नंबर पर और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी तीसरे स्थान पर खिसक गई थी।
त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा प्रत्येक सीट पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से बड़े वोटों के अंतर से आगे रही थी। भाजपा को 56 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस को 22.5 प्रतिशत और AAP को 18.1 प्रतिशत वोट मिले थे। 2014 में बीजेपी को 46.4 फीसदी वोट मिले थे।
[ad_2]
Source link