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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव गुरुवार को महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचे। चुनावी व्यस्तता के बीच यहां पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले शिप्रा नदी में स्नान किया और फिर पूजन-अर्चन कर मां शिप्रा को चुनरी चढ़ाई एवं घाटों का निरीक्षण भी किया। ऐसा करते हुए उन्होंने उन लोगों को भी जवाब देने की कोशिश की जो कि नदी में गंदा पानी मिलने की शिकायत करते हुए राज्य सरकार को निशाने पर ले रहे थे।
स्नान और पूजन के बाद सीएम ने मीडिया कर्मियों से बात की। उन्होंने कहा कि ‘मुझे इस बात का संतोष है हमारी सरकार द्वारा किए गए कामों के बलबूते उज्जैन में पूरे साल नदी का जल मिल रहा है। आज से 20 साल पहले नवंबर के बाद दिसंबर में ही पानी नहीं मिलता था कई बार सुखा पड़ जाता था। हमारे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के प्रयासों से नर्मदा-शिप्रा लिंक परियोजना के परिणामस्वरूप आज का समय ऐसा है कि पूरे साल सदा नीरा की तरह मां शिप्रा का जल है। मई के महीने में मैं स्नान करके बता रहा हूं कि पूरे साल यहां जल उपलब्ध है और जल ही जीवन है, जल से ही तीर्थ की महत्ता बढ़ती है। मां सब पर कृपा करें मां के आंचल में जब स्नान करने का मौका मिलता है तो शिप्रा स्नान करने के लिए जरूर आता हूं।’
मुख्यमंत्री मोहन यादव का यूं अचानक उज्जैन आना और शिप्रा में स्नान करना, शहर के कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार को दिया गया जवाब माना जा रहा है। दरअसल कुछ दिन पहले उज्जैन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेसी उम्मीदवार महेश परमार का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्होंने शिप्रा नदी में सीवेज का गंदा पानी मिलने का आरोप लगाते हुए प्रदेश की भाजपा सरकार और खासकर मुख्यमंत्री मोहन यादव को निशाने पर लिया था। इसके साथ ही परमान ने नदी में मिल रहे गंदे पानी को दिखाते हुए उसी पानी में डुबकी लगाई थी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि ‘उज्जैन की पहचान मां शिप्रा से है, बाबा महाकाल की इस नगरी में और शिप्रा के तट पर हमारे सभी देवी-देवताओं का वास है। हमारी परंपरा है कि स्नान के बाद अपने तीर्थ की महत्ता बढ़ाएं। बड़ा दुख होता है कि कभी-कभी लोग मां शिप्रा पर प्रश्न करते हैं, हम सब जानते हैं कि यह मां का तट है, इसकी पवित्रता बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।’
आगे उन्होंने कहा कि ‘ऐसा माना जाता है कि मां शिप्रा के कारण ही बाबा महाकाल यहां अपना धाम बनाए हुए हैं। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां हर किसी के मन की मुराद पूरी होती है। दुनिया में बड़े से बड़े परिवर्तन जब कभी हुए हैं तो उज्जैन से उनका संबंध जरूर आता है। कल शुक्रवार से यहां पंचकोशी की बड़ी परिक्रमा प्रारंभ होगी। इस परिक्रमा में लोग आस्था और श्रद्धा से आते हैं। सबके मन का विश्वास उज्जैन के अंदर बना रहे।’
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