उपेन्द्र तिवारी
वन विभाग अबैध खनन/कब्जा/पेडों की कटान रोकने के साथ साथ अंतर्राजीय सीमा विवाद सुलझाने में विफल व परमिट के नाम पर अबैध वसूली का क्रम अनवरत जारी।
राजेश तिवारी (संवाददाता)
कचनर वा (कोन/सोनभद्र) – ओबरा वन प्रभाग के वन रेंज कोन के अन्तर्गत भालुकूदर्/ बागेसोती सेक्शन में वन विभाग की उदासीनता से जंगलराज कायम है चाहे वह अबैध खनन/अबैध कब्जा/अबैध कटान हो या अंतर्राजीय सीमा का मामला हो या परमिट के नाम पर अबैध वसूली हो इसे विभाग की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी क्रम में बताते चलें कि हाल में एक सोशल मीडिया ट्विट्टर पर वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कि परमिट के नाम पर व पेड़ों के कटान के नाम पर विभाग द्वारा वसूली करने का आरोप क्षेत्रीय वन दरोगा व तत्कालीन वन क्षेत्राधिकारी कोन के ऊपर लगाया गया है। जिसके संबंध में लक्ष्य जन सेवा ट्रस्ट सोनभद्र के अध्यक्ष ने मा*मुख्यमंत्री कार्यालय, जिलाधिकारी, समेत विभाग के आलाधिकारियों को ट्विटर के माध्यम से अवगत कराया गया है । नाम न छापने की शर्त पर लोगों ने बताया कि विभाग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी क्षेत्रों में भ्रमण नहीं करते हैं और न ही स्थानीय वन चौकी पर रात्रि में निवास करते हैं बल्कि कार्य का अतिरिक्त बहाना बनाकर अन्यत्र निवास करते हैं जो कि यह क्षेत्र अतिसंवेदलसिल है सिर्फ वसूली के नाम पर कभी कभार दिखते हैं वहीँ दूसरी ओर वन माफियायों के हौसले बुलंद हैं। सूत्र बतातें हैं कि विभाग द्वारा वन चौकी मरम्मत या अन्य कार्य हेतु व पौधरोपन के नाम पर प्रत्येक वर्ष लाखों रुपए धन आवांटित होता जिसे विभाग की मिलीभगत से राजकीय धन का दुरूपयोग करते हुए धन का बंदरबांट किया जाता है जिसका ताजा उदाहरण कचनर वा वन चौकी समेत अन्य चौकी है जो जाँच का विषय है। ऐसे ही कुछ मामला भालुकूदर् सेक्शन/बागेसोती सेक्शन का है जहाँ रात होते ही अबैध खनन/बालू खनन के साथ साथ परिवहन कोन थाना क्षेत्र समेत अन्य राज्यों तक किया जाता है वहीँ दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश व झारखंड सीमा के बागेसोती, बड़ाप् पर अंतर्राजीय सीमा के साथ साथ डुमर, खोहइया जंगल, भालुकूदर् के धरनवां बॉर्डर पर वन माफियायों या भूमाफियायों द्वारा वन भूमि पर कब्जा करने का क्रम अनवरत जारी है और विभाग कागजी खानापूर्ति करने में मशगुल है।
ग्रामीणों ने विभाग के उच्चधिकारियों व माननीय मुख्यमंत्री जी से उपरोक्त प्रकरण की उच्चस्तरीय जाँच की मांग करते हुए दोषी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की है।