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सूरत के बाद कांग्रेस को सोमवार को एक और झटका लगा। इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने 13 मई को होने वाले चुनाव से पहले अपना नामांकन वापस ले लिया। यही नहीं वह भाजपा में शामिल हो गए। इसके साथ ही, इंदौर सीट के संसदीय इतिहास में पहली बार कांग्रेस की चुनावी चुनौती बिना लड़े समाप्त हो गई। इस सीट पर पिछले 35 साल से कांग्रेस जीत नहीं पाई है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम द्वारा नाम वापस लिये जाने को बहुत बड़ी गद्दारी करार देते हुए कहा कि उनसे ऐसी उम्मीद नहीं थी। दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ में पीटीआई से बातचीत में कहा- उसने बहुत बड़ी गद्दारी की है। उससे ऐसी उम्मीद नहीं थी।
जब दिग्विजय सिंह से पूछा गया कि बम को टिकट आपके कोटे से दिया गया था तो उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का टिकट था। हालांकि उन्होंने माना कि उनके बम के परिवार से संबंध हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए इंदौर लोकसभा सीट के उसके प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने मतदान से पहले सोमवार को अपना नामांकन वापस ले लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बम (45) भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ जिलाधिकारी के कार्यालय पहुंचे और नामांकन वापस ले लिया। वापस लौटते समय वे पत्रकारों के सवालों को नजरअंदाज करते हुए मेंदोला के साथ कार में बैठकर रवाना हो गये। मेंदोला को राज्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का करीबी माना जाता है। जिलाधिकारी सह निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने पुष्टि की है कि बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है।
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