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मतदान (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : एएनआई
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सूबे में सर्वाधिक आदिवासी आबादी वाली रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट के मतदाता मतदान के अधिकार के प्रति जागरूक हो रहे हैं। साल दर साल चुनाव में उनकी सहभागिता बढ़ रही है। पिछले 72 वर्षों में मतदान प्रतिशत में 22 फीसदी का इजाफा हुआ है।
इस बार भीषण गर्मी और प्रतिकूल मौसम के बावजूद मतदाताओं की फर्स्ट डिविजन पास होने की पुरजोर कोशिश रहेगी। रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट भले ही 1962 में स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आई, लेकिन यहां के मतदाता 1951 के पहले चुनाव से ही सांसद चुनते आ रहे हैं। तब यह सीट मिर्जापुर का हिस्सा थी। एक सीट से दो सांसद चुने जाते थे। पहले चुनाव में महज 35.9 प्रतिशत वोट पड़े थे। तब लोगों में मतदान के प्रति उतनी जागरूकता नहीं थी और न ही पर्याप्त संसाधन थे। जागरुकता बढ़ी तो 1957 में मतदान प्रतिशत 44.7 तक पहुंच गया।
इसके बाद से यह क्रम लगातार बढ़ता चला आ रहा है। इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में मतदाताओं ने भरपूर जोश दिखाया। तमाम दुरुह स्थितियों के बावजूद 1977 में मतदाता पैदल ही लंबी दूरी तय कर बूथों तक पहुंचे थे और मतदान किया था। तब 51.8 फीसदी मतदान हुआ।
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