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नई दिल्ली3 घंटे पहले
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संदेशखाली में महिलाएं लगातार शाहजहां शेख के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रही हैं। इसकी शुरुआत 8 फरवरी को हुई थी।
पश्चिम बंगाल सरकार ने संदेशखाली केस की जांच को CBI को सौंपे जाने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। इस याचिका पर आज यानी 29 अप्रैल को सुनवाई होनी। मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और संदीप मेहता की बेंच कर सकती है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले की जांच CBI को सौंप दी। अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि CBI हमारी निगरानी में जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 2 मई को तय की थी। इस बीच ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी।
संदेशखाली की महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर कथित रूप से यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जे का आरोप लगाया है। मामले में शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार आरोपी हैं। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद CBI ने महिलाओं के यौन शोषण मामले में FIR दर्ज की
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद CBI ने संदेशखली में जमीन हड़पने और महिलाओं के खिलाफ अपराध (यौन शोषण) से केस में पहली FIR दर्ज की है। इसमें 5 मुख्य आरोपियों के नाम शामिल हैं। हालांकि ये आरोपी कौन हैं, ये सामने नहीं आया है, लेकिन कहा जा रहा है कि ये प्रभावशाली लोग हैं।
HC के आदेश के बाद ममता सरकार CBI जांच पर रोक नहीं लगा सकती
हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य की ममता बनर्जी सरकार CBI जांच पर रोक नहीं लगा सकती है। दरअसल, राज्य से जुड़े किसी भी मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी CBI की इन्क्वायरी के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने 16 नवंबर, 2018 को राज्य में जांच और छापेमारी करने के लिए CBI को दी गई ‘सामान्य सहमति’ वापस ले ली थी। उस समय चिटफंड घोटाले को लेकर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
अब समझिए CBI को केस कैसे मिलता है
दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के सेक्शन 2 के तहत सीबीआई सिर्फ केंद्र शासित प्रदेशों में सेक्शन 3 के तहत अपराधों पर खुद से जांच शुरू कर सकती है। राज्यों में जांच शुरू करने से पहले सीबीआई को सेक्शन 6 के तहत राज्य सरकार से इजाजत लेना जरूरी है।
CBI को 4 तरह से केस दिया जा सकता है
- केंद्र सरकार खुद सीबीआई जांच का आदेश दे।
- हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को जांच के आदेश दे।
- राज्य सरकार केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश करे।
- किसी केस को लेकर पब्लिक की डिमांड हो। इस केस को भी सरकार ही तय करती है।
कौन है मुख्य आरोपी शाहजहां शेख
शाहजहां शेख को बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे CBI को सौंप दिया था।
आरोपी शाहजहां शेख संदेशखाली में कहां से आया, ये कोई नहीं जानता। 2000-2001 में वो मत्स्य केंद्र में मजदूर था। वह भी सब्जी भी बेचता था। फिर ईंट-भट्ठे पर काम करने लगा। यहीं उसने मजदूरों की यूनियन बनाई। फिर सीपीएम से जुड़ा।
सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में वामदलों की जमीन खिसकी तो 2012 में शाहजहां तृणमूल कांग्रेस के तत्कालीन महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना जिले के ताकतवर नेता ज्योतिप्रिय मलिक के सहारे पार्टी से जुड़ गया। संदेशखाली के लोगों के मुताबिक, शाहजहां के पास सैकड़ों मछली पालन केंद्र, ईंट भट्ठे, सैकड़ों एकड़ जमीन हैं। वो 2 से 4 हजार करोड़ की संपत्ति का मालिक है।
शेख के समर्थकों ने ED की टीम पर हमला किया था
कोरोना के दौरान कथित तौर पर हुए हजारों करोड़ रुपए के राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को बंगाल में 15 ठिकानों पर छापा मारा था। टीम नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में शेख शाहजहां और शंकर अध्य के घर भी रेड डालने गई थी। इस दौरान उन पर TMC समर्थकों ने जानलेवा हमला किया था। इसमें तीन अधिकारी घायल हो गए थे।
आरोप लगाने वाली पीड़ित महिलाओं का कहना है कि शाहजहां शेख जिसे चाहे उसे अपनी हवस का शिकार बनाता था। ED की रेड के बाद वह फरार हो गया था। करीब 55 दिन बाद उसे 29 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।
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जमीन गंवाने वालों के लिए CBI ने संदेशखाली पीड़ितों के लिए मेल ID बनाई
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के तुरंत बाद 11 अप्रैल को नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली में जमीन हड़पने के शिकार हुए लोगों के लिए CBI ने मेल ID-sandeshkhali@cbi.gov.in बनाई। CBI के अधिकारी ने बताया कि पीड़ित इस मेल ID पर अपनी शिकायत भेजेंगे। शिकायतों के आधार पर केस दर्ज किया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर…
कलकत्ता HC बोला- संदेशखाली पीड़ितों का 1% सच भी शर्मनाक:कोर्ट ने कहा- अगर ऐसा है तो पूरा प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी 100% जिम्मेदार
संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल को बंगाल सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘अगर इस मामले में एक परसेंट भी सच्चाई है तो यह शर्मनाक है। पूरा प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी इसके लिए नैतिक तौर पर 100% जिम्मेदार है। यह लोगों की सुरक्षा का मामला है।’
संदेशखाली के मुख्य आरोपी शाहजहां के खिलाफ 5 जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की बेंच ने सुनवाई की। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं से यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपी TMC से निष्कासित नेता शेख शाहजहां को बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पुलिस ने उसे CBI को सौंप दिया था। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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