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भास्कर न्यूज | प्रताप नगर मानव जीवन का परम धर्म है भगवत भक्ति व भगवान की सेवा है। तत्व दृष्टि में परमात्मा एक है। प्रभु भक्ति नियमित रूप से करें। जीवन देने वाली प्रकृति ही जीवन लेने पर उतारू हो गई है। उक्त प्रवचन प्रकाश चैतन्य महाराज ने श्री कालेश्वर महादेव मठ में श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन किए। प्रकाश चैतन्य ने कहा कि जीवन देने वाली प्रकृति जीवन लेने पर उतारू हो गई है। यह समस्या केवल भारत की नहीं पूरे संसार की है। बदलता पर्यावरण चिंता का विषय है। जीवन प्रदान करने वाली पवित्र नदियां, वन जंगल, पहाड़ सभी बिगड़ते पर्यावरण के कारण प्रभावित हैं। सभी मिलकर अपना कल सुरक्षित करें। यमुना निर्मल और निरंतर बहे, इसके लिए सभी को प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि कथा का यह आठवां पड़ाव है, अभी 100 कथाएं और शेष हैं। अप्रैल 2026 तक की श्रीमद् भागवत कथाएं निरंतर जारी रहेंगी। सभी मिलकर प्रयास करें कि यमुना निर्मल और निरंतर बहे। पेड़ लगाएं, वन बचाएं। संत चैतन्य प्रकाश ने मां यमुना को समर्पित भजन-मेरे कंठ बसो महारानी, मेरे स्वरों को अपना स्वर दो गाऊं मैं तेरी वाणी, गाकर कथा पंडाल को भक्ति मय बना दिया। उन्होंने कहा कि मनुष्य शरीर भगवत भजन के लिए ही मिला है। कण-कण ही ईश्वर है। जब ईश्वर प्रकृति से प्रकट होते हैं उन्हें स्वयंभू कहा जाता है। श्रीमद् भागवत कथा की प्रथम श्रोता यमुना जी हैं। उन्होंने कहा कि किसी साधु-संत का संग हो जाना भी प्रभु भक्ति है। कथा सत्संग अवश्य करें, प्रभु के नाम का सिमरन करें। भगवान के नाम की औषधि किसी सद्गुरु संत के पास ही मिलती है। बिना भगवान की भक्ति के जीवन निरर्थक है। भगवान के प्रति श्रद्धा विश्वास समर्पण जरूरी है। सबसे सस्ता, सबसे सुलभ ईश्वर का नाम है। उन्होंने कहा कि कलियुग में हरि नाम ही अमृत है। प्रेम ही परमात्मा को प्राप्त करने का सरल साधन है। प्रेम ही समस्त अवतारों का हेतु है। उन्होंने कहा कि सत्संग हो गया तो जीव का जन्म जन्म का अपराध कट जाता है। उन्होंने कहा कि जितने लोग वन गए वह बन गए, राम जब वन गए तो वह भगवान बन गए। उन्होंने कहा कि कष्ट, संकट में प्रभु का चिंतन अधिक होता है। भगवान कृष्ण के भगत ने जैसा भी संबंध स्थापित करना चाहा भगवान श्री कृष्ण भगत के लिए वही बन गए। मौके पर पर स्वामी शांतानंद, अरुण गोयल, पूर्व सरपंच रविंद्र कुमार, जगत सिंह, जसबीर सिंह, अशोक कुमार, पंडित सुरेंद्र गैरोला, रामशरण, विनोद कुमार, विकास व सात्विक भी मौजूद रहे।
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