अजित सिंह
*बिचौलिए और दलालों के कंधा का सहारा लेकर ओबरा थर्मल पॉवर सी परियोजना में चल रहा है लुकाछिपी का खेल
*तापीय परियोजना के निर्माण कार्य में आने वाले अवैध बालू लदे वाहनों में मानक से अधिक बालू लादकर किया जा रहा है परिवहन
सोनभद्र। जिले के ओबरा तहसील स्थित ओबरा थर्मल पॉवर प्लांट अन्तर्गत दुसान कंपनी के ओबरा सी तापीय परियोजना के निर्माण कार्य में लाये जा रहे मटैरियल सप्लाई की आड़ में धड़ल्ले से अवैध ओवरलोड वाहनों के जरिए बालू इत्यादि का परिवहन किया जा रहा है। इससे इलाके की सड़कों का जहां कचूमर निकल जा रहा है तो वहीं सरकारी राजस्व को भी जमकर चपत लगाई जा रही है। यह सबकुछ बिचौलिए और दलालों के सह पर धड़ल्ले से होता आ रहा है। जिन्हें न तो शासन-प्रशासन का भय है और ना ही कायदे कानून का खौफ सबकुछ बिना किसी डर भय के होता हुआ आ रहा है। ओबरा नगर के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने इस दिशा में शासन-प्रशासन का दरवाजा खटखटाने का मन बनाया है। लोगों का कहना है कि ओवरलोड बालू लदे वाहनों से आवागमन में जहां भय बना रहता है तो वहीं बालू इत्यादि के चलते लोगों को परेशानी भी हो रही है। राज्य में अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों का परिवहन प्रतिबंधित होने के बावजूद सीएम के आदेश को धता बताते हुए अवैध ओवरलोड वाहनो का संचालक बद्दस्तूर जारी है। जिला प्रशासन ओवरलोडिंग रोकने के लाख दावे करें किन्तु प्रशासन के इस दावे की हवा ओबरा सी परियोजना में जा रहे अवैध बालू लदे ओवरलोड वाहनों से ही निकल जा रही है। इस हकीकत को परियोजना के अंदर जाने वाले मार्ग और गेट के बाहर आसानी से देखा जा सकता है जो प्रशासन के सारे दावे की पोल खोल कर रख दें रहें हैं। मजे की बात है कि इलाके में अचार संहिता को लेकर प्रशासन द्वारा जगह जगह पर चेकिंग के कड़े इंतजाम किये गए हैं बावजूद इसके ओवरलोड वाहनों का प्रवेश कैसे हो जा रहा है या ओवरलोडिंग का यह सबकुछ खेल किसके इशारे पर हो रहा है? यक्ष प्रश्न बना हुआ है। आश्चर्य की बात है कि
परिवहन विभाग (आरटीओ) व जिला प्रशासन द्वारा हर माह लाखों रुपए के चालान भी किए जा रहे हैं। फिर भी प्रशासन व ओवरलोडिंग वाहन को लेकर चल रहा लुका-छीपी का खेल थमने के बजाए बदस्तूर जारी है।
बताते चलें कि ओबरा सी तापीय परियोजना के निर्माण कार्य में आने वाले अवैध बालू लदे वहनो में निर्धारित मानक से अधिक बालू लादकर परिवहन किया जा रहा है। इतना ही नहीं ओवरलोड वाहनों में कई वाहनों के नंबर प्लेट तक भी गायब हैं। जिसमें अंदेशा जताया जा रहा है कि बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों से अवैध बालू का परिवहन भी किया जा रहा है। बता दे की कुछ महीने पूर्व बिना नंबर प्लेट वाले ओवरलोड वाहनों से बालू परिवहन की शिकायत मिलने पर मौके पर पहुंची ओबरा पुलिस और वन विभाग की टीम ने ओबरा सी तापीय परियोजना में बालू लादकर जा रहे वाहनों की जांच शुरु कर दी थी। जिससे वहां भगदड़ मचने के साथ ही जांच शुरु होने की खबर मिलते ही कई वाहन चालक अपने वाहनों को जहां तहां छोड़कर मौके से भाग खड़े हुए थे। ऐसे में पुलिस ने कई घंटे तक जांच के दौरान कुछ वाहनों को पकड़कर ओबरा कोतवाली भी ले आई थी। एक बार पुनः ओबरा सी तापीय परियोजना में ओवरलोड बालू लदे वाहनों का संचालन लगातार जारी है। जिससे प्रशासन की ओवरलोडिंग के खिलाफ चलाए गए अभियान को भी पलीता लगता हुआ प्रतीत होने लगा है। दूसरी ओर ओबरा सी परियोजना में मैटेरियल्स सप्लाई की आड़ में बालू और गिट्टी का सालों से ओवरलोडिंग परिवहन की भी जांच करायें जाने को लेकर आवाज उठने लगी है। बताते चलें कि पूर्व में स्थानीय लोगों ने कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत की थी जिस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्यवाही भी की, लेकिन पुनः ओबरा सी तापीय परियोजना में बालू व गिट्टी का अवैध ओवरलोडिंग मैटैरियल्स सप्लाई का खेल बदस्तूर जारी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक ओवरलोड वाहनों की वजह से नगर की सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं जिन पर चलना लोगों के लिए दूभर हो चुका है। बताया गया है कि जिला प्रशासन की पहल पर शारदा मंदिर चौराहे से लेकर विप चौराहे तक करोड़ों रुपए की लागत से बनाई गई सीसी रोड सड़क के क्षतिग्रस्त होने का खतरा मंडराने लगा है।मजे की बात है कि परियोजना के अधिकारियों की मिली भगत से ओवरलोड का खेल जारी है जिस पर वह भी चुप्पी साध रखें हैं।
ओवरलोडिंग से बिगड़ रही हैं सोनभद्र के सड़कों की सेहत
सोनभद्र में ओवरलोडिंग का खेल किसके इशारे से हो रहा है इस पर जहां कोई भी अधिकारी खुलकर बोलने से कतराता है वहीं सोनभद्र की सड़के बनते देर नहीं कि ओवरलोड के कारण गढ़ों में तब्दील होने को मजबूर हो रही हैं। एक तरफ सरकार बेहतर सड़कों का जाल बिछाने, बनाने में लगी हुई है तो दूसरी तरफ खननकर्ता छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के रास्ते सोनभद्र में प्रवेश कर ओवरलोडिंग बड़े वाहनों के जरिए इसे बर्बाद करने में लगी हुई हैं।