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- Delhi Congress Chief Arvinder Singh Lovely Resign Reason Update; AAP Alliance | Mallikarjun Kharge
नई दिल्ली10 मिनट पहले
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कांग्रेस ने 31 अगस्त 2023 को अरविंदर सिंह लवली को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था।
दिल्ली में लोकसभा चुनाव से ठीक 28 दिन पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी लिखकर इस्तीफे की वजह बताई है।
लवली ने 4 पेज की चिट्ठी खड़गे को भेजी है। इसमें उन्होंने लिखा- दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।
लवली दिल्ली में टिकट बंटवारे से नाराज हैं। कांग्रेस ने 31 अगस्त 2023 को उन्हें दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। लवली शीला दीक्षित की सरकार में 15 साल तक परिवहन और शिक्षा समेत कई मंत्रालय संभाल चुके हैं। दिल्ली के सिख समुदाय में उनकी अच्छी पैठ है।
2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए थे
अरविंदर सिंह लवली 15 साल तक रही शीला दीक्षित सरकार में शिक्षा से लेकर पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। 2017 में नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, महज एक साल के भीतर ही उन्होंने पार्टी में घर वापसी कर ली थी। कांग्रेस में वापसी करते हुए लवली ने कहा कि था- मैं वैचारिक रूप से वहां मिसफिट था।
लवली की चिट्ठी के 11 पॉइंट्स
- दिल्ली कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने हाल ही में जो भी फैसले लिए, उसे AICC जनरल सेक्रेटरी (दिल्ली इन्चार्ज) ने वीटो कर दिया। मुझे दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था, फिर भी मुझे किसी को अपॉइंट करने की इजाजत नहीं दी जा रही। दिल्ली के 150 ब्लॉक अध्यक्ष को अपॉइंट करने का मेरा फैसला भी रिजेक्ट कर दिया गया था। फिलहाल इन ब्लॉक में कोई अध्यक्ष नहीं हैं।
- दिल्ली कांग्रेस के कई नेता AAP के साथ गठबंधन के खिलाफ थे। AAP ने कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए थे। AAP के कैबिनेट के आधे मंत्री फिलहाल भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं। इसके बावजूद, आला कमान ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन किया। हमने फैसले का सम्मान किया। मैंने न केवल सार्वजनिक रूप से इसका समर्थन किया, बल्कि यह भी तय किया कि दिल्ली यूनिट हाईकमान के आदेश के मुताबिक हो। AICC महासचिव (संगठन) के कहने पर, मैं केजरीवाल की गिरफ्तारी की रात सुभाष चोपड़ा और संदीप दीक्षित के साथ उनके घर पर भी गया, जबकि यह मेरे उसूलों के खिलाफ था।
- इस गठबंधन के बाद दिल्ली कांग्रेस को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 3 संसदीय सीटें दी गईं हैं।
- दिल्ली में गठबंधन में कांग्रेस पार्टी को दी गई लिमिटेड सीटों और पार्टी की भलाई के लिए मैंने अपना नाम वापस ले लिया, ताकि ये सीटें दिल्ली कांग्रेस के अन्य सीनियर सदस्यों को दी जा सकें। मैंने संभावित उम्मीदवार के तौर पर भी अपनी दावेदारी खत्म कर दी। 12 मार्च 2024 को सभी अखबारों में यह खबर भी पब्लिश की गई थी।
- इन 3 सीटों में से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी ऑब्जर्वर और स्थानीय कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करते हुए नॉर्थ वेस्ट दिल्ली और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली की सीटें ऐसे 2 उम्मीदवारों को दी गईं, जो दिल्ली कांग्रेस और पार्टी की नीतियों से पूरी तरह अनजान थे।
- लोकसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट का फाइनल फैसला कांग्रेस आला कमान का होता है, जिसका मैं सम्मान करता हूं। लेकिन आला कमान ने 2 कैंडिडेट्स ऐसे उतारे, जिनके बारे में दिल्ली कांग्रेस से चर्चा नहीं की गई। अगर मुझे पहले बताया होता तो मैं ज्यादा बेहतर तैयारी कर पाता। अभी तक पार्टी के किसी भी सीनियर लीडर ने मुझसे लोकल नेताओं के साथ समीकरण बनाने को लेकर चर्चा नहीं की है। मैं हर नाराज नेता से मिलकर पार्टी को एकजुट रखने की कोशिश कर रहा था।
- हाल ही में दिल्ली कांग्रेस ने 3 लोकसभा कैंडिडेट्स का ऐलान किया था। इसके बाद नॉर्थ वेस्ट दिल्ली और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के उम्मीदवार के खिलाफ हमारी पार्टी के ही कुछ वर्कर्स ने प्रोटेस्ट किया था। सिचुएशन को संभालने के लिए मैंने पब्लिक में कहा था कि लोकतंत्र में सबको प्रोटेस्ट करने और अपनी आवाज उठाने का हक है।
- पब्लिक में मेरे दिए गए बयान को लेकर AICC जनरल सेक्रेटरी (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे मामला संभालने के लिए पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान और पूर्व विधायक सुरेंदर कुमार को सस्पेंड करने को कहा।
- दिल्ली कांग्रेस की स्थिति तब और बिगड़ गई जब नॉर्थ वेस्ट दिल्ली कैंडिडेट ने आपत्तिजनक टिप्पणी और पार्टी के खिलाफ बयान दिया। उन्होंने हमारे पार्टी वर्कर्स का भी अपमान किया था। इसके बाद उन्होंने मुझे कई लेटर लिखे, जिसमें लोकल लीडर्स को सस्पेंड करने की मांग की गई है।
- नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से उम्मीदवार भी पार्टी लाइन और स्थानीय कार्यकर्ताओं की मान्यताओं को दरकिनार करते हुए दिल्ली के सीएम की झूठी प्रशंसा करते हुए मीडिया में बाइट दे रहे हैं। असलियत और दिल्ली की जनता की पीड़ा के उलट उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली को लेकर AAP के झूठे प्रचार का समर्थन किया। उदाहरण के तौर पर 23 अप्रैल को एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में केजरीवाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि उनके लिए बिजली की व्यवस्था करने वाला, स्कूल खोलने वाला, जो दिल्ली की जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने वाले मुख्यमंत्री हैं, उन्हें जेल में डाल दिया।
- इस तरह के झूठे और गलत तथ्यों वाले बयान लोकल पार्टी यूनिट को पसंद नहीं आए, क्योंकि कार्यकर्ताओं की यह समझ रहे थे कि यह गठबंधन दिल्ली के विकास को लेकर AAP के झूठे प्रचार की तारीफ करने नहीं, बल्कि असलियत में गठबंधन के हिस्से के तौर पर पार्टी की जीत की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए हुआ एक समझौता था। लेकिन ऐसा लग रहा है कि नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के उम्मीदवार इस बात से अनजान हैं कि AAP शासन के तहत दिल्ली में स्कूलों, अस्पतालों और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की हालत स्वर्गीय शीला दीक्षित सरकार के में हुए विकास कार्यों की तुलना में बहुत खराब हो गई है।
दिल्ली की 7 में से 4 पर AAP 3 पर कांग्रेस लड़ रही
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