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Rathnam Movie Review: साउथ की फिल्मों में ‘एक्शन’ चरम पर होता है. सिनेमा के शौकीनों का एक बड़ा तबका साउथ की फिल्में सिर्फ इसी वजह से देखता है. इस समय तमिल और तेलुगु दो भाषाओं में 26 अप्रैल को रिलीज हुई फिल्म ‘रत्नम’ (Rathnam) चर्चा में है. एक्शन-ड्रामा इस फिल्म का जब पोस्टर सामने आया था, तब से ही इसे लेकर दर्शकों की उत्सुकता बनी हुई थी. खून-खच्चर दिखाता फिल्म का पोस्टर दर्शकों के लिए एक नया अनुभव था. हालांकि अब फिल्म सामने आ चुकी है.
करीब 2 घंटे 36 मिनट की फिल्म ‘रत्नम’ लीड एक्टर के किरदार का नाम है. इसे विशाल कृष्णा ने निभाया है. साउथ सिनेमा में एक सबसे बड़ी खासियत होती है कि फिल्म की कहानी कितनी भी रहस्य-रोमांच या खून-खराबे से भरी हो, मगर उसमें हंसी का तड़का जरूर लगाने की कोशिश होती है. साउथ में योगी बाबू बॉलीवुड के ‘जॉनी लीवर’ का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनकी कॉमेडी टाइमिंग, शैली और एक्सप्रेशन बहुत हद तक जॉनी लीवर जैसे नजर आते हैं. पर्दे पर जब भी योगी बाबू की एंट्री होती है, दर्शक उनके बिना कुछ किए-कहे हंस पड़ते हैं. ‘रत्नम’ में भी योगी बाबू अपने काम का बखूबी अंजाम देते नजर आए.
पहले फिल्म की कहानी की बात करते हैं. हीरो ‘रत्नम’ स्थानीय विधायक पन्नेर सेल्वम का गुर्गा है. यानी विधायक को उस पर पूरा भरोसा है. विधायक के सारे काले कारनामों का राज़दार है रत्नम. एक रोज एक लड़की इंटरव्यू के लिए वेल्लोर आती है. यहां उस पर जानलेवा हमला करने की कोशिश होती है. यहीं फिल्म के हीरो ‘रत्नम’ की एक्शन के साथ धांसू एंट्री होती है. रत्नम लड़की को बचा लेता है. हालांकि संकट टला नहीं था. लड़की की जान पर खतरा बना हुआ था. रत्नम उसका संरक्षण बन जाता है. किसी साये की तरह लड़की के साथ रहकर उसकी रक्षा करता है.
‘रत्नम’ का पूरा क्रेज लाइव एक्शन; जिसे विजुअल इफेक्ट या VFX भी बोल सकते हैं, पर टिका हुआ है. साउथ सिनेमा में लाइव एक्शन शॉट (Live-action shot in filmmaking and video production) पर बहुत खर्चा किया जाता है, एकदम हॉलीवुड स्टाइल में. खतरनाक और असंभव से दिखने वाले लाइव एक्शन शॉट को कम्यूटर के जरिये हूबहू इमेज में बदलना जाता है. इसे कम्यूटर जेनेरेटेड इमेजरी (CGI) कहते हैं. यानी इमेजिंग सॉफ्टवेयर के जरिये स्टिल या एनिमेटेड विजुअल कंटेंट और कैमरे से फिल्माए दृश्यों को मर्ज करके VFX तैयार होते हैं.
अगर ‘रत्नम’ की बात करें, तो इसमें बस का खाई में गिरना, ट्रक की कार को टक्कर और आग के बीच हीरो का कूदना जैसे VFX प्रभावी बन पड़े हैं. हालांकि बस वाले एक्शन आदि को और इम्प्रूव किया जाना था. वर्ल्डवाइड रिलीज हुई ‘रत्नम’ भरपूर एक्शन और VFX का मिक्चर (mixture) है. यानी जिन लोगों को खून-खराबे, मारधाड़, गाड़ियों के खतरनाक एक्सीडेंट, एरियल फाइटिंग आदि देखने में रोमांच का अनुभव मिलता है, उनके लिए ‘रत्नम’ मजेदार फिल्म है.
फिल्म में आपको दरांती की लड़ाई (Sickle fights), क्रोधी हीरो द्वारा गुंडे-मवालियों पर शेर की भांति टूट पड़ना जैसे दृश्य देखकर मजा आएगा. निर्देशक के तौर पर हरी गोपालकृष्णम नादर(Hari Gopalakrishnan Nadar) ने फिल्म पर काफी मेहनत की है. फिल्म की कहानी भी उन्होंने ही लिखी है. जब एक लेखक किसी फिल्म को निर्देशित करता है, तो उसे ये पता होता है कि किसी सीन में कितनी गहराई है, उसे किसी एंगल से शूट करना है. यानी सीन की पूरी इमेज उसके दिमाग में होती है. हालांकि एक लाइन में कहा जाए, तो एक्शन फिल्मों की सबसे बड़ी विशेषता उसकी स्पीड होती है, इस मामले में ‘रत्नम’ पीछे रह गई. स्क्रीनप्ले कहीं-कहीं स्लो चलता दिखता है.
हीरो ‘एंग्री यंग मैन’ की भूमिका में है. बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन भी अपना आधे से अधिक फिल्मी करियर इसी किरदार को जीते रहे. हालांकि ‘रत्नम’ का एंग्री यंग मैन एक्स्ट्रीम पर है. फिल्म के लिए आंध्र प्रदेश की सीमा पर सेट तैयार किया गया था. दिखने में (Visually) फिल्म आंखों को लुभाती है.
‘रत्नम’ के सिनेमेटोग्राफर एम सुकुमार हैं. इनका काम बखूबी दिखता है. टीएस जय ने फिल्म को एडिट किया है. ये दोनों इससे पहले थामिरभरानी (2007) और पूजाई (2014) में विशाल और हरि के के साथ काम कर चुके हैं. यानी ये पुरानी टीम है, लिहाजा आपसी सूझ-समझ अच्छी है.
‘रत्नम’ को संगीत से संवारा है देवी श्री प्रसाद. बैकग्राउंड म्यूजिक भी रोमांचित करता है. देवी प्रसाद भी हरि की पुरानी टीम का हिस्सा हैं. वे इससे पहले आरु, सिंगम, सिंगम 2, वेंघई और सामी स्क्वायर में हरि के साथ काम कर चुके हैं.
जहां, तक अभिनय की बात है, विशाल कृष्णा के अलावा ‘रत्नम’ में प्रिया भवानी शंकर, समुथिराकानी, योगी बाबू और गौतम मेनन मुख्य भूमिका में है. फिल्म को कार्तकेयेन संथानम् के अलावा जी स्टूडियो ने प्रोड्यूस किया है. चूंकि तेलुगु में इस हफ्ते कोई भी बड़ी फिल्म रिलीज नहीं हुई है, लिहाजा ‘रत्नम’ के लिए ये बड़े फायदे का वक्त है. U सर्टिफिकेट वाली ‘रत्नम’ की पब्लिसिटी भी जमकर की गई.
जो दर्शक विशाल के फैन हैं और हरि का पिछला काम देख चुके हैं, उन्हें यह फिल्म पंसद आएगी. ‘रत्नम’ आम साउथ फिल्मों की कैटेगरी से अलग है. यह हाई पिच एक्शन-ड्रामा फिल्म है. साउथ सिनेमा के मुरीद दर्शकों के लिए ‘रत्नम’ देखने लायक फिल्म है.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
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Tags: Film review, South Movies
FIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 12:05 IST
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