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India Maldives Relations : मालदीव में चीनी समर्थित मोहम्मद मुइज्जू की सरकार बनते ही चीनी एजेंडे पर काम शुरू हो गया. अब फिर से चीनी समुद्री पोत जियांग यांग होंग-03 को मालदीव में एंट्री दे दी गई. इसको लेकर भारत ने एतराज जताया था, लेकिन मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू की सरकार ने इसे दरनिकार कर दिया. अब फिर से चीन का पोत वापस आ गया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार सुबह चीनी जहाज थिलाफुशी औद्योगिक द्वीप के बंदरगाह पर खड़ा किया गया था. मालदीव की मुइज्जू सरकार ने जहाज को डॉक करने की अनुमति की पुष्टि की है, लेकिन इसकी वापसी की वजह का खुलासा नहीं किया है.
जहाज जासूसी के लिए है बदनाम, ये हैं इसकी खासियत
चीनी समुद्री पोत जियांग यांग होंग-03 जासूसी के लिए बदनाम है. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने 23 जनवरी को इसको लेकर एक बयान भी जारी किया था. कहा था कि चीन की सरकार ने मालदीव की सरकार से मंजूरी के लिए अनुरोध किया था. मालदीव के रक्षा मंत्री ने मार्च में संसद में कहा था कि चीनी पोत मालदीव के जलक्षेत्र के अंदर कोई शोध नहीं करेगा. उन्होंने साफ किया था कि मालदीव में कोई शोध करने की अनुमति नहीं दी गई थी. चीन के अनुसार, जो जियांग यांग होंग-03 समुद्री अनुसंधान के लिए सबसे आधुनिक जहाज है. यह एक अनुसंधान पोत है. इसकी सहनशक्ति 15,000 समुद्री मील है, इसका मतलब है कि यह बिना किसी सहायता के अपने काम के लिए 15,000 समुद्री मील की यात्रा बिना रुके कर सकता है. इसमें तेज हवाओं और समुद्री धाराओं के बावजूद अपनी जगह पर स्थिर रहने की क्षमता है. यह एक जगह पर रहकर थ्रस्टर्स का उपयोग करके 360 डिग्री तक घूमने की क्षमता रखता है।
भारत ने जताई चिंता, फिर भी दी अनुमति
मालदीव की सीमा के पास करीब एक महीना बिताने के बाद जहाज पहली बार 22 फरवरी को माले पहुंचा था. 6 दिन बाद जहाज विशेष आर्थिक क्षेत्र सीमा पर चला गया. जहाज अब विशेष आर्थिक क्षेत्र को पार करने के बाद वापस आ गया है. जियांग यांग होंग 03 जनवरी से मालदीव क्षेत्र के अंदर या उसके आसपास सक्रिय है. यह हिन्द महासागर में काफी समय बिताने के बाद फरवरी में मालदीव पहुंचा था और करीब एक हफ्ते बाद लौट आया था. भारत की चिंताओं के बावजूद चीन के करीबी मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इसको फिर से इजाजत दे दी है.
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