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China India Conflict : भारत और चीन के बीच हमेशा तनाव रहता है. गलवान हिंसा के बाद तो दोनों देशों ने बॉर्डर पर सैनिकों को तैनात कर रखा है. रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों ने सीमा पर 50-50 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात कर रखे हैं. ऐसा लग रहा है कि जैसे युद्ध की तैयारी की जा रही हो. वहीं, तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने चीन से बात शुरू कर दी है. हालांकि, अभी इसमें कोई सफलता नहीं मिली है. एक दशक बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब तिब्बती नेताओं और चीन के बीच बातचीत शुरू हुई है. तिब्बत की निर्वासित सरकार के राजनीतिक नेता पेनपा त्सेरिंग ने कहा है कि बीजिंग में लोगों से बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. चीनी हमसे संपर्क कर रहे हैं. बता दें कि साल 2010 में बातचीत टूटने बाद अब पहली बार दोनों पक्षों में फिर से संपर्क शुरू हुआ है, लेकिन यह अनौपचारिक है.
अभी कोई ठोस परिणाम नहीं आए सामने
तिब्बत के अंतरराष्ट्रीय मामलों के मंत्री नोरजिन डोलमा ने कहा कि अभी तक बातचीत का कोई परिणाम सामने नहीं आया है. तिब्बती नेताओं और चीन के बीच यह बैकचैनल बातचीत ऐसे समय पर शुरू हुई है, जब भारत और चीन के बीच सीमा पर बहुत ज्यादा तनाव है. तिब्बत के इलाके में ही चीन ने हजारों की तादाद में सैनिक तैनात किए हैं. यहां बड़े पैमाने पर सैन्य अड्डे और एयरबेस बना लिए हैं. चीन ने कई शक्तिशाली रडार और जासूसी उपकरण भी लगाए हैं. 2020 में गलवान हिंसा हुई थी और दोनों देशों के कई सैनिक मारे गए थे. पेनपा त्सेरिंग ने कहा कि उनकी सरकार भारत के विदेश मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों के साथ तिब्बत के मुद्दे पर काम कर रही है. इसलिए दलाई लामा बातचीत कर रहे हैं.
चीन ने दिखाई दादागिरी
उन्होंने कहा, भारत और तिब्बती सरकार के बीच पारदर्शी रिश्ता रहा है. चीन ने जो सीमा पर दादागिरी दिखाई, उससे तिब्बत का मुद्दा भारत में प्रमुखता से उठा है. बता दें कि चीन के साथ तब भारत के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते हैं, जब तक एलएसी पर चीन की सेनाएं पीछे नहीं हटती हैं. रिपोर्ट ये भी है कि चीन तिब्बत के बच्चों को अपने के रंग में रंगते जा रहे हैं. उन्हें जबरन ऐसे स्कूलों में डाला जा रहा है, जहां वे अपनी संस्कृति से कटते जा रहे हैं.
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