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Urban Naxal and Arab Nasal: पाकिस्तान 24 घंटे और 365 दिन भारत के खिलाफ नई-नई साजिश रचता है, अब पाकिस्तानी पत्रकार की काली करतूत सामने आई है. हामिद मीर नाम के पाकिस्तानी पत्रकार भारत के खिलाफ अरब देशों को भड़का रहा था, लेकिन भारत के लोगों ने ही इसका भंडाफोड़ कर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान का पाकिस्तानी पत्रकार गलत अर्थ समझा रहा था, जिसकी भारत के लोगों ने जमकर खिंचाई की है.
दरअसल, पीएम मोदी ने राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक रैली को संबोधित कर रहे थे, इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘अर्बन नक्सल’ की सोच वाले लोग हमारे मंगलसूत्र को भी बचने नहीं देना चाहते हैं. इसी बयान का वीडियो क्लिप काटकर हामिद मीर ने गलत अर्थ समझा दिया. हामिद मीर ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री अरब के लोगों से नफरत करते हैं. ‘अर्बन नक्सल’ यानी ‘अरब नस्ल’ के लोग मंगलसूत्र को भी नहीं बचने देंगे. हामिद मीर ने इसे सीधे तौर पर अरब देश के मुसलमानों से जोड़ दिया, जिसके बाद हामिद की क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और लोगों ने हामिद को हिंदी सिखाना शुरू कर दिया.
पाकिस्तानी पत्रकार की लोगों ने लगाई क्लास
भारत के कई लोगों ने इस क्लिप को साझा करते हुए लिखा ‘पाकिस्तान के पत्रकार को हिंदी भी समझ नहीं आती है. कुछ लोगों ने कहा कि पाकिस्तान में शिक्षा की इतनी कमी है कि वहां के लोग हलवा प्रिंट कपड़ा पहनने पर एक महिला को घेर लिए थे. पाकिस्तानी पत्रकार की रिपोर्टिंग भी कुछ इसी तरह की है.’ हामिद ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री को अरब देशों बुलाकर अवार्ड दिए जाते हैं, और वे अरब के मुसलमानों को भला-बुरा कह रहे हैं.
पाकिस्तानी पत्रकार अपने झूठ पर डटे
हामिद मीर के टेलविजन प्रोग्राम की क्लिप वायरल होने के बाद लोगों को लगा कि हिंदी नहीं समझ आने के कारण उन्होंने ऐसा बोला है. लेकिन द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक जब उनसे इस मसले पर सवाल किया गया तो वे अपने झूठ पर कायम हो गए. उनका कहना है कि हिंदी का मसला नहीं है, बल्कि ये पीएम मोदी की तरफ से अरब के मुसलमानों के खिलाफ बयान है. हामिद ने कहा कि पीएम मोदी ने नक्सल नहीं बल्कि नस्ल का ही इस्तेमाल किया है. कुछ अरब के राजनयिकों ने भी इसकी पुष्टि की है. उन्होंने दावा किया है कि इसके बारे में कुछ देश भारत के पीएम को चिट्ठी लिख रहे हैं.
नक्सल अर्बन का मतलब क्या है?
हामिद मीर पहले भी ऐसा करते आए हैं, माना जाता है कि सस्ती लोकप्रियता के लिए हामिद इस तरह के काम करते हैं. ऐसे ही एक मसले को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार इमरान रियाज खान ने दो साल पहले उन्हें उनके एक ट्वीट पर लताड़ लगाई थी. द नरेटिव वर्ल्ड ने अर्बन नक्सल की परिभाषा बताई है. नरेटिव के मुताबिक शहर में रहने वाला वह वर्ग जो पत्रकार, कवि, लेखक, बुद्धिजीवी, मानवाधिकार कार्यकर्ता अर्बन नक्सल हो सकता है. जो इनको अपनी ढाल बनाकर माओवादी गतिविधियों में नक्सलियों को सहायता पहुंचा रहे हैं.
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