[ad_1]
Defense budget Updates : पड़ोसी देशों में आपसी खराब होते संबंध और तनाव की वजह से हथियारों की खरीद में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि आई है. कई देशों ने अपने रक्षा बजट को भी बढ़ाया है. जो अभी आगे भी जारी रह सकता है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में दुनियाभर के सैन्य खर्च में एक दशक के अंदर सबसे तेज वृद्धि देखी गई. यह खर्च बीते साल 2.4 ट्रिलियन डॉलर की नई ऊंचाई पर रहा. रिपोर्ट में बताया गया कि दुनिया के कई हिस्सों में चल रहे युद्ध और बढ़ते तनाव के कारण यह वृद्धि दर्ज की गई. 2009 के बाद पहली बार सैन्य खर्च में इस तरह की तेजी आई है.
रिपोर्ट में बताया गया कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध ने यूक्रेन-रूस और अन्य यूरोपीय देशों के सैन्य खर्च में बढ़ोत्तरी की. रूस का सैन्य बजट 24 फीसदी बढ़कर 109 अरब डॉलर तक पहुंच गया. यूक्रेन का सैन्य खर्च भी 51 फीसदी बढ़कर 64.8 बिलियन डॉलर हो गया. सुरक्षा चुनौतियों के चलते इजरायल ने भी अपने खर्च में 24 फीसदी की वृद्धि की, जबकि सऊदी अरब ने अपना बजट 4.3 फीसदी बढ़ाया.
चीन बढ़ा रहा बजट, भारत चौथे नंबर पर
एशिया में जापान और ताइवान ने अपने सैन्य बजट में 11 प्रतिशत की वृद्धि की. अमेरिका 916 बिलियन डॉलर खर्च के साथ सबसे बड़ा देश बना हुआ है, जो पिछले साल की तुलना में 2.3 प्रतिशत ज्यादा है. अमेरिका के बाद चीन ने सबसे ज्यादा अपनी सेना और हथियारों पर खर्च किया है . चीन ने लगातार 29वें साल सैन्य खर्च बढ़ाया. चीन ने इस साल सैन्य खर्च 6 प्रतिशत बढ़ाकर 296 बिलियन डॉलर कर दिया. अमेरिका और चीन के बाद 2023 में सबसे ज्यादा सैन्य खर्च करने वाले देशों में तीसरे नंबर पर रूस, चौथे नंबर पर भारत और 5वें स्थान पर सऊदी अरब है. रिपोर्ट में बताया गया कि आगे भी ये बजट बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं.
रिपोर्ट कहती है कि आने वाले वर्षों में भी और सैन्य खर्च बढ़ने वाला है, यूक्रेन में युद्ध अभी समाप्ति के करीब नहीं दिख रहा. गाजा और एशिया में चल रहे तनाव के चलते सैन्य खर्च में बढ़ोतरी का रुझान रहेगा. वहीं, अभी इजरायल और ईरान में युद्ध जैसी चिंताएं बनी हुई हैं, इसलिए आगे भी देश अपनी ताकत बढ़ाने के लिए सैन्य बजट पर और ज्यादा फोकस करने वाले हैं
[ad_2]
Source link