राजेश पाठक
- 50 हजार रूपये अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
- तीन दोषियों को एक – एक वर्ष की कैद और 16-16 हजार रूपये अर्थदंड
- जेल में बिताई अवधि सजा में होगी समाहित
- नौ वर्ष पूर्व दलित आदिवासी लोगों की बेरहमी से पिटाई करने का मामला
सोनभद्र। नौ वर्ष पूर्व जाति सूचक शब्दों से गाली देकर अपमानित कर दलित आदिवासी लोगों की बेरहमी से पिटाई करने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट सोनभद्र आबिद शमीम की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए एससी/एसटी एक्ट के दोषी रामविलास गुप्ता को पांच वर्ष की कैद एवं 50 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं तीन अन्य दोषियों को दोषसिद्ध पाकर एक- एक वर्ष की कैद एवं 16- 16 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई । वहीं अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक रायपुर थाना क्षेत्र के डोरिया गांव निवासी लक्ष्मीना पुत्री हरसू ने 6 मार्च 2015 को रायपुर थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि वह अनुसूचित जनजाति गौड़ बिरादरी की है। दोपहर बाद दो बजे बिरादरी में कहासुनी हो रही थी तभी लाठी डंडा लेकर रामविलास गुप्ता , राजेश कुमार गुप्ता, राजकुमार गुप्ता, शंभू गुप्ता उर्फ अमरेश गुप्ता निवासीगण डोरिया, थाना रायपुर, जिला सोनभद्र आ गए , आते ही जाति सूचक शब्दों से गाली देने लगे। गाली देने से मना करने पर लाठी डंडा से मारने पीटने लगे। पूरे परिवार की बेरहमी से पिटाई कर दिया। जाते समय गाली देते हुए जान मारने की धमकी भी दी। इस तहरीर पर पुलिस ने एफ आई आर दर्ज कर मामले की विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान तथा पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर उपरोक्त सजा सुनाई।