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भिंड जिले के जनपद पंचायत मेहगांव में मनरेगा योजना में बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। ग्राम पंचायत पचैरा मेहगांव के सरपंच मायाराम जाटव और तत्कालीन प्रभारी सचिव गिर्राज बैस पर सरकारी धन का गबन और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने का गंभीर आरोप है।
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जांच में सामने आया कि मनरेगा योजना के तहत निजी भूमि पर खेत तालाब निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था। नियमों के उल्लंघन करते हुए जेसीबी मशीन (MP07-DA-1352) से कार्य कराया गया, जो कि मनरेगा के प्रावधानों के विरुद्ध है। इसके बावजूद मस्टर रोल में मजदूरों के नाम दर्ज कर 2.05 लाख रुपए की राशि का अवैध आहरण किया गया।
मजदूरों के नाम दर्ज, काम JCB से करवाया तहसीलदार और राजस्व अमले ने जांच में पुष्टि की कि उक्त जेसीबी मशीन दीपू कटारे की है और उसका उपयोग इस कार्य में हुआ। भूमि स्वामी कन्हैया लाल जाटव ने भी बयान दिया कि तालाब का निर्माण उनकी निजी भूमि पर किया गया। अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार, कुल स्वीकृत राशि 3.85 लाख रुपए में से 2.05 लाख रुपए का भुगतान किया गया।
जनपद पंचायत अधिकारी शिवराम नरवरिया की शिकायत पर मेहगांव पुलिस ने सरपंच मायाराम जाटव और सचिव गिर्राज बैस के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420, 409, 467, 468, 471, 472, और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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