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देवेन्द्र लोधी ने अपनी मां रामको लोधी के साथ पहुंचकर एसपी से शिकायत की।
शिवपुरी जिले के रन्नौद थाना के रहने वाले एक ग्रामीण के खिलाफ हुई एफआईआर को निरस्त करवाने के नाम पर दो लोगों ने 80 हजार रुपए की ठगी की। दोनों खुद को एसपी और पूर्व गृह मंत्री का पीए बताकर पैसे ठगे। पीड़ित और उसकी मां ने गुरुवार को एसपी ऑफिस में इसकी शिक
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रन्नौद थाना क्षेत्र के ग्राम लगदा निवासी देवेन्द्र लोधी ने बताया कि 2 नवंबर को उसका गांव के जुगराज सिंह परिहार से झगड़ा हो गया था। इस पर रन्नौद पुलिस ने उसके और उसके भाई रामनिवास लोधी के खिलाफ एसीएसटी एक्ट और मारपीट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
घटना के अगले दिन 3 नवंबर को मुंगावली निवासी उसका रिश्तेदार प्रतिपाल लोधी, देवेन्द्र से मिलने आया। उन्होंने दतिया के रहने वाले धनपाल लोधी के बारे में बात करते हुए कहा था कि उनके पास एक ऐसा आदमी है, जो FIR को खत्म करवा सकता है।
देवेन्द्र लोधी के साथ 80 हजार रुपए की ठगी।
ठगों ने खुद के एसपी और पूर्व गृह मंत्री का पीए बताया
जिसके बाद 5 नवंबर को उसके रिश्तेदार प्रतिपाल के साथ दो लोग आए थे। जिन्होंने अपना नाम धनपाल लोधी और विपिन लोधी बताया। दोनों ने खुद को दतिया का रहने वाला बताया। विपिन की बैल्ट पर पिस्टल लगी हुई थी। उसने बताया कि शिवपुरी के मौजूदा एसपी साहब पहले दतिया में पदस्थ थे। उनके साथ मैने बहुत पीए का काम किया है। इसके अलावा तात्कालीन गृहमंत्री का भी पीए रह चुका हूं। उसने बताया कि वह एसपी साहब से बात करके एफआईआर निरस्त करवा देगा।
1 लाख रुपए पर डील पक्की हुई
विपिन ने किसी अनजान व्यक्ति से बात भी कराई थी। जो खुद को एसपी बता रहा था। जिसके बाद दोनों दो लाख रुपए की मांग की, लेकिन 1 लाख में बात पक्की हुई। देवेन्द्र ने 25 हजार रूपए ऑनलाइन और 55 हजार रूपए नगद दे दिए थे। 20 हजार रूपए एफआईआर निरस्त होने के बाद देने की बात हुई। इस सब के बाद जब एक दिन कार्यवाही के लिए रन्नौद पुलिस घर पहुंची तब उसे धोखाधड़ी का एहसास हुआ।
इस मामले में रन्नौद थाना प्रभारी अरविंद चौहान का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है। धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं, लेकिन धोखाधड़ी करने वाले उसके रिश्तेदार ही हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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