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Sri Lanka Parliamentary Election: श्रीलंका में संसद के 225 सदस्यों को चुनने के लिए गुरुवार को मतदान शुरू हो गया. इस चुनाव में देश के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके बहुमत हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं.देश में आर्थिक संकट के बाद अस्थिर हुई सरकार के बाद बनी नई सरकार के राष्ट्रपति दिसानायके धन के दुरुपयोग से मुक्त नई राजनीतिक संस्कृति की मांग के साथ ही संसद में भी पूर्ण बहुमत पाने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं.
यह चुनाव राष्ट्रपति दिसानायके के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पार्टी, नेशनल पीपुल्स पावर की पहली बड़ी परीक्षा है. इस चुनाव में सजित प्रेमदासा के नेतृत्व वाली समागी जन संदानया, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की श्रीलंका पोदुजना पार्टी, पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का समर्थन करने वाले अलग हुए विधायकों से बना न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट और उत्तर की अल्पसंख्यक पार्टियां सीटों की मांग कर रही हैं.
1977 के बाद पहली बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं रानिल विक्रमसिंघे
1977 के बाद निवर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे पहली बार संसदीय चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. वह पिछले महीने हुए राष्ट्रपति चुनाव में दिसानायके से हार गए थे. सभी राजपक्षे बंधु (जिनमें महिंदा, गोटाबाया, चमाल और बेसिल शामिल हैं) दशकों बाद संसदीय चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. पिछली सरकार के कई मंत्रियों और उप मंत्रियों ने इस दौड़ से बाहर होने का विकल्प चुना है.
‘मजबूत जनादेश की उठाई मांग’
राष्ट्रपति दिसानायके ने भ्रष्टाचार को समाप्त करने तथा उन पूर्व नेताओं को दंडित करने के लिए संसद से मजबूत जनादेश की मांग की है. ये वो भ्रष्ट नेता हैं जिन पर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने का आरोप सिद्ध हो चुका है. दिसानायके 21 सितंबर को निर्वाचित हुए थे. इन चुनावों में 22 निर्वाचन जिलों में मतदान के माध्यम से 196 सदस्यों का चुनाव होगा तथा राष्ट्रीय सूची के माध्यम से 29 सदस्य चुने जाएंगे. ये चुनाव में राजनीतिक दलों और स्वतंत्र समूहों को प्राप्त कुल मतों की संख्या के आधार पर होगा.
‘संविधान में बदलाव की जरूरत’
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा है कि देश की काफी ज्यादा शक्ति कार्यकारी राष्ट्रपति के पास है. वो इस शक्ति को कम करने के लिए मैदान में उतरे हैं. इसके लिए उन्हें सविंधान में बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी. इस काम के लिए उन्हें दो-तिहाई सीटें चाहिए. वो जनता से इतनी सीटें जिताने की अपील कर रहे हैं.
जीत सकती है दिसानायके की पार्टी
श्रीलंका की स्थानीय मीडिया के अनुसार, दिसानायके का गठबंधन राष्ट्रपति चुनाव में मिली भारी जीत के बाद संसदीय चुनाव में भी बहुमत हासिल कर सकता है. दूसरे नंबर पर साजिथ प्रेमदासा की पार्टी SJB रह सकती है. जानकारी के अनुसार, मतदान खत्म होने के 1 या 2 दिन परिणाम आ सकता है. 2020 में मतदान होने के दो दिन बाद रिजल्ट आ गया था.
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