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विद्यार्थियों का नाम, कक्षा या किसी भी तरह की जानकारी में बदलाव के लिए अब यू-डायस प्लस में इंट्री जरूरी होगी। किसी भी सरकारी या निजी स्कूल की कक्षा 2 से 12 तक के छात्र-छात्राओं से संबंधित जानकारी में परिवर्तन को लेकर शिक्षा विभाग ने फॉर्मेट जारी किया
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इधर, किसी अध्ययनरत छात्र-छात्रा का नाम यू-डायस प्लस में दर्ज नहीं है तो स्कूल प्रबंधन को नाम दर्ज नहीं होने का वास्तविक कारण भी बताना होगा। विभाग को बताना होगा कि पिछले शैक्षणिक सत्र में संबंधित बच्चे का नाम क्यों छूटा था। दोनों के फॉर्मेट में स्कूल प्रधानाध्यापक के साथ संबंधित बीईईओ के भी हस्ताक्षर होंगे। यू-डायस प्लस के माध्यम से सभी विद्यार्थियों का विवरण सरकार को देना अनिवार्य है। इससे संबंधित आंकड़े सरकार को भविष्य की योजनाएं बनाने में भी मदद करते हैं।
किए जा सकेंगे बच्चे से संबंधित ये बदलाव
फॉर्मेट में सबसे पहले संबंधित छात्र/छात्रा का वर्तमान नाम, कक्षा और 11 अंकों का स्टूडेंट्स नेशनल आईडी दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही जो भी बदलाव करना चाहते हैं, उससे संबंधित साक्ष्य भी देने होंगे। बेसिक डीटेल के तौर पर नाम, जन्म तिथि, लिंग, आधार नंबर, आधार में नाम, कक्षा व सेक्शन में परिवर्तन किया जा सकेगा। जो भी बदलाव होंगे, उसे फॉर्मेट में बाईं ओर पुराना दर्ज नाम/कक्षा/जन्म तिथि आदि होगी और दाईं ओर परिवर्तन की जाने वाली जानकारी के तौर पर नया नाम/ नई कक्षा व सेक्शन, नई जन्म तिथि आदि लिखना है।
फॉर्म में प्राचार्य व बीईईओ के हस्ताक्षर और सील होना जरूरी
नाम, कक्षा, जन्म तिथि आदि में बदलाव को लेकर विभाग ने यू-डायस प्लस से संबंधित फॉर्म एसआे 3 जारी किया है। इसे बीईईओ या डीईओ कार्यालय में जमा किया जा सकेगा। इस फॉर्म में स्कूल का नाम, यू-डायस कोड, प्रखंड और जिला की जानकारी देनी है। सबसे नीचे बाईं ओर स्कूल प्रधान का पद, नाम, हस्ताक्षर व सील होगा। वहीं दाईं ओर बीईईओ या समकक्ष पदाधिकारी के नाम, हस्ताक्षर, पद व सील होंगे।
नई इंट्री में बताना होगा जरूरी- अब तक इंट्री क्यों नहीं कराया
यू-डायस प्लस में कक्षा 2 से 12 तक के किसी छात्र-छात्रा का नाम अब दर्ज कराने के समय अब तक दर्ज नहीं होने का कारण भी बताना जरूरी होगा। स्कूल प्रबंधन एक साथ एक या अधिक विद्यार्थियों की इंट्री करा सकते हैं। इसमें हर छात्र/छात्रा का नाम, जन्म तिथि, लिंग आैर माता-पिता का नाम बताना है। इसके साथ ही हर विद्यार्थी के विवरण के सामने अब तक दर्ज नहीं रहने की वजह भी बतानी है।
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