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रेलवे टिकट की दलाली करने वालों ने तत्काल टिकट के बुकिंग पर अघोषित कब्जा कर रखा है। दलाल सॉफ्टवेयर के माध्यम से बुकिंग शुरू होते ही क्षण भर में ट्रेनों का कन्फर्म तत्काल टिकट काट लेते हैं। वहीं रेलवे के आरक्षण काउंटर पर हर दिन सुबह से ही लाइन लगाए लोग
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ऐसे में लोग यात्रा का टिकट लेने के लिए दलालों के पास जाते हैं। जिनसे दलाल कन्फर्म तत्काल टिकट के नाम पर मनमाना पैसा वसूलते हैं। एक टिकट पर निर्धारित किराए से दो से तीन हजार रुपए अधिक वसूलते हैं। धनबाद से सबसे अधिक लोग दिल्ली, मुंबई के साथ गुजरात, राजस्थान और दक्षिण भारत जाने के लिए दलालों से टिकट लेने को मजबूर होते हैं। धनबाद स्टेशन के आसपास फोटो स्टेट और जनरल स्टोर में भी तत्काल टिकट मिल रहा है। दलाल आईआरसीटीसी पर पर्सनल आईडी से तत्काल टिकट को सॉफ्टवेयर के माध्यम से निकाल रहे हैं। हाल यह है कि ग्रामीण इलाकों में भी छोटे साइबर कैफे वाले अधिक पैसा मिलने से रेल टिकट का धंधा करने लगे हैं।
अनधिकृत रूप से सॉफ्टवेयर से हाई जैक करते तत्काल टिकट तत्काल टिकट बुक करने के लिए दलाल बीटीएस, एएनएमएस, एनएएस, विनजिप, कोविड, गार्डर, स्टार जैसे सॉफ्टवेयर का अनधिकृत रूप से इस्तेमाल करते हैं। इन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर दलाल पलक झपकते ही पूरी ट्रेन का कंफर्म तत्काल टिकट बुक कर लेते हैं। इन सॉफ्टवेयर पर यात्रियों की पूरी जानकारी बुकिंग शुरू होने से पहले ही डाल देते हैं। तत्काल की बुकिंग शुरू होने पर अन्य लोग आईसीटीसी की साइट पर और आरक्षण काउंटर क्लर्क अपने कंप्यूटर पर टाइप करते हैं, जिसमे कुछ समय लगता है। पर दलाल एक क्लिक से पहले से डाली जानकारी को बुकिंग के लिए अपलोड कर टिकट निकाल लेते हैं।
इस तरह के मामलों पर काफी हद तक रोक लगाई गई है। यात्रियों से यह अपील है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति की जगह रेलवे के काउंटर से ही टिकट लें। सरस्वती चंद्र , मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्व मध्य रेल
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