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Bali Volcano Eruption: इंडोनेशिया के माउंट लेवोटोबी लाकी लाकी ज्वालामुखी विस्फोट के कई दिनों बाद भी इससे 10 किलोमीटर की ऊंचाई तक लावा-राख निकल रहा है. जिसके बाद बुधवार (13 नवंबर) को कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने बाली के लिए अपनी सेवाएं रद्द कर दीं. राख के बादल लगातार उठने से कई लोगों को वहां से पलायन करना पड़ा है. ज्वालामुखी राख से जुड़ी सिक्योरिटी कंसर्न के कारण जेटस्टार और क्वांटास ने बुधवार को बाली में अपने परिचालन को रद्द कर दिया, जबकि फ्लाइट ट्रैकर फ्लाइटराडर24 ने इंडीकेट किया कि एयरएशिया और वर्जिन ने भी बाली के लिए अपनी उड़ानें रोक दी हैं
सिंगापुर एयरलाइंस ने भी वोल्कानिक एक्टिविटी के कारण बाली से सिंगापुर के लिए अपनी बुधवार की उड़ाने रद्द करने की पुष्टि की है. इंडोनेशिया की अंतरा न्यूज एजेंसी के अनुसार, वेस्ट नुसा तेंगारा प्रांत में लोम्बोक हवाई अड्डे पर परिचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. 4 नवंबर से 12 नवंबर के बीच, बाली के नगुराह राय हवाई अड्डे के महाप्रबंधक अहमद सयाउगी शाहब ने बताया “सिंगापुर, हांगकांग और विभिन्न ऑस्ट्रेलियाई शहरों से आने वाले सभी 80 उड़ानें रद्द कर दी गई है.
उड़ानें रद्द होने से एयरपोर्ट पर फंसे पर्यटक
इन सब के बीच उड़ानें रद्द होने से एयरपोर्ट पर फंसे पर्यटकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऑस्ट्रेलिया के पर्थ से अपने परिवार के साथ बाली घूमने आए चार्ली ऑस्टिन ने मायूस होते हुए कहा, “एयरलाइन ने ठहरने की व्यवस्था नहीं की, जिससे हम इस एयरपोर्ट पर फंस गए” वहीं, ऑस्ट्रेलिया से आई एक अन्य पर्यटक इसाबेला बटलर अपने वापस जाने के लिए वैकल्पिक सुविधा की तलाश कर रही थी. उन्होंने कहा कि बड़ी बात ये है कि हमें यहां से किसी तरह निकलने में सक्षम होना चाहिए.
विस्फोट में नौ लोगों की मौत
एपी सूत्रों के अनुसार, ज्वालामुखी विस्फोट ने इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया के हवाई अड्डों पर हजारों यात्रियों को फंसा दिया. माउंट लेवोटोबी लकी-लाकी का पहला विस्फोट 3 नवंबर को पूर्वी नुसा तेंगारा में हुआ,जो बाली से लगभग 800 किमी दूर है. इस विस्फोट में नौ लोगों की जान चली गई. हालांकि इसके बाद भी विस्फोट होते रहे, बता दें कि मंगलवार (12 नवंबर) को भी कई बार विस्फोट हुए हैं.
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