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पलामू प्रमंडल के 9 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बीच वोटर अपने मतदान का प्रयोग कर रहे हैं। यहां चुनाव कराने के लिए सोमवार को ही बूथों पर मतदान कर्मी पहुंच गए थे। वहीं, लातेहार जिले के छिपादोहर में
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पलामू में 59, गढ़वा में 41 व लातेहार में 40 कंपनियां बाहर से आईं विधानसभा चुनाव को लेकर पलामू प्रमंडल में केंद्रीय बलों की 150 कंपनियां तैनात की गई है। पलामू में 59, गढ़वा में 41 और लातेहार में 40 से अधिक कंपनियां बाहर से पहुंची हैं। जबकि 20 से अधिक केंद्रीय बलों की कंपनियां पहले से तैनात हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर सीआरपीएफ, बीएसएफ,सीआईएसएफ, आरपीएफ आदि की तैनाती की गई है।
पलामू प्रमंडल के 90% इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है। बिहार छत्तीसगढ़ सीमा परअंतरराज्यीय चेकपोस्ट पर केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है।
2019 के रिजल्ट से पलामू में पार्टियों की स्थिति समझिए…
NDA के अन्य घटक दलों की तुलना में भाजपा यहां मजबूत है। अभी 9 में से 5 विधायक भाजपा के हैं। पलामू प्रमंडल में विकास के मुद्दों के अलावा पार्टी अपने परंपरागत वोट बैंक के साथ-साथ पिछड़े वर्गों और आदिवासी वोटरों को भी अपनी ओर करने में लगी है। 2024 लोकसभा चुनाव के रिजल्ट को देखे तो भाजपा मजबूत स्थिति में है। यहां से भाजपा के बीडी राम ने शानदार जीत दर्ज की है।
वहीं, I.N.D.I.A गठबंधन में झामुमो का प्रभाव आदिवासी इलाकों में मजबूत है। माले, राजद और कांग्रेस साथ चुनाव लड़ रही है। इस स्थिति में कड़ी टक्कर है। गठबंधन विकास के मुद्दों के साथ-साथ आदिवासी हितों और कई अन्य मुद्दों को प्रमुखता से उठा रही है।
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