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श्री हनुमंत कथा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते बागेश्वर सरकार
भीलवाड़ा के कुमुद विहार में पांच दिवसीय श्री हनुमंत कथा का आज समापन हुआ। कथा के समापन पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री भावुक भी हुए। उन्होंने कहा- हमने अपने जीवन में कितना कष्ट व संघर्ष झेला इसे हम जानते है। एक दौर था, जब गांव का सरपंच भी मेरी बात नहीं सुन
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गरीबों के केवल परमात्मा होते है। सरकार के सब नियम भी गरीबों के लिए होते है। हम महंगी मिठाई उसे देते है जिसे हम सलाम करते है और सस्ती मिठाई उसे देते है जो हमें सलाम करता है। हम बड़े आदमियों से मिलते है तो इसलिए कि उनका सहयोग लेकर गरीबों के काम कर सके, बेटियों की शादी करा सके। हमने जो दुख सहा, वह आपको नहीं सहना पड़े, इसलिए आज से सदा-सदा के लिए हनुमानजी के चरण पकड़ लेना, हमारी तरह तुम्हारी भी जिंदगी बना देंगे।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने जल्द ही भीलवाड़ा की धरती पर आकर फिर से कथा करने का वादा किया। साथ ही आयोजन को राजस्थान में अभी तक सर्वश्रेष्ठ आयोजन बताया। इस मौके पर नेहरू विहार समिति इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर की तरफ से 501 फीट लंबा केसरिया साफा श्री बागेश्वरधाम सरकार को पहनाया गया।
उन्होंने कहा- हनुमान हनुमान जी अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता है और भाग्य विधाता है। इंसान के भाग्य में जो लिखा है, वो तो उसे मिलता ही है लेकिन जो इंसान के भाग्य में नहीं लिखा है वो उसे सिर्फ हनुमान जी की भक्ति से मिल सकता है। गुरु के महत्व का बताते हुए कहा कि गुरु का काम है ज्ञान देना, सच्ची राह दिखाना। गुरु इतना उपाय देता है कि काम सरल कर देता है। गुरु इंसान की दृष्टि बदल देता है और जिसकी दृष्टि बदल जाती है उसकी सृष्टि बदल जाती है।
बागेश्वरधाम सरकार ने सुंदरकांड चरित्र की कथा पूर्ण करने से पहले उन आठ कार्यों के बारे में भी बताया, जो हनुमानजी करते है। इन कार्यो में भक्त को भगवान से जोड़ना, श्रीराम का पता बताना व मिलवाना, मान का मर्दन करना, संतों की रक्षा करना, साधना करने वाले भक्तों को सिद्धी व प्रसिद्धि देकर उनकी रक्षा करना, रामभक्तों को सम्मान करना प्रमुख रहे।
बेटियों को शास्त्र के साथ शस्त्र शिक्षा भी दिलाएं भीलवाड़ा में बेटियों को शास्त्र के साथ शस्त्र शिक्षा देने में जुटे दुर्गा शक्ति अखाड़े की सराहना की। उन्होंने कहा- 12 हजार बहनों द्वारा सात अखाड़े चलाए जा रहे और बेटियां शास्त्र के साथ शस्त्र शिक्षा भी ले रही है। यह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मां-बहनों को यह वरदान प्राप्त है कि कोई कुदृष्टि डाले तो यह पहचान लेती है। इन अखाड़ों के माध्यम से हमारी बेटियों को जूडो, कराटे व तलवारबाजी भी सिखानी होगी। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अपने माथे पर तिलक व घर के बाहर झंडा अवश्य लगाए।
भक्ति भाव से झूम उठे श्रद्धालु कथा के दौरान बागेश्वरधाम सरकार के भजनों पर श्रद्धालु दोनों हाथ उठाकर झूमे और जयकारे लगाए। उन्होंने मोहन की प्यारी राधा बरसाने वाली राधा, सीता रामजी की प्यारी राजधानी लागे जैसे भजन पेश किए भक्तगण अपनी जगह खड़े होकर प्रभु भक्ति से ओत-प्रोत होकर झूमने लगे।
छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत श्री बनवारी शरण काठियाबाबा के सानिध्य में श्री टेकरी के हनुमानजी कथा समिति के तत्वावधान में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में कथास्थल पर रविवार को पांच दिवसीय कथा के अंतिम दिन पांडाल बालाजी महाराज और बागेश्वर धाम के जयकारों की गूंज रही।
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